ज्ञानवापी पर हिंदू पक्ष को मिली एक और जीत , इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिया आदेश व्यास तहखाने मे जारी रहेगी पूजा!
Gyanvapi Mosque Case Live News Updates - NWI
Gyanvapi Mosque in Varanasi! आज ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास तहखाने में पूजा जारी रखने को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला आया है। वाराणसी जिला अदालत ने हिंदू पक्ष को पूजा का अधिकार दिया था। वहां पूजा होने भी लगी थी। इसके खिलाफ (gyanvapi case) मुस्लिम पक्ष कोर्ट चला गया था.
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास तहखाने में पूजा जारी रहेगी। आज इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुना दिया है। पिछली सुनवाई 15 फरवरी को हुई थी, इसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया. सुनवाई के दौरान जज ने हिंदू पक्ष के वकील को यें निर्देश दिया था कि वो अपनी दलीलें लिखित में दाखिल करें. कोर्ट ने इसके लिए 48 घंटे का समय दिया था. ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में होने वाली पूजा पर मुस्लिम पक्ष और हिंदू पक्ष समेत सभी लोग कोर्ट के फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे.
26 फरवरी यानि आज सोमवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी. इसमें हिंदू पक्ष को पूजा का अधिकार देने के जिला न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले से मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है।
मुस्लिम पक्ष ने चुनौती दी थी
15 फरवरी को मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से दायर याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत में सुनवाई हुई. हिंदू पक्ष को वाराणसी जिला जज ने अनुमति दे दी थी। इसी आदेश को मुस्लिम पक्ष ने चुनौती दी थी। इस मामले में 2 फरवरी को पहली सुनवाई हुई थी। इसमें कोर्ट ने अगली सुनवाई की डेट 6 फरवरी लगाई थी, फिर 7 फरवरी और आगे 12 फरवरी की डेट पर सुनवाई हुई। इसके बाद अगली सुनवाई की डेट 15 फरवरी लगी थी।
दोनों पक्षों (gyanvapi case) की दलीलें सुनने के बाद 15 फरवरी को अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. शाम को जब फैसला वेबसाइट पर अपलोड किया गया तो पता चला कि कोर्ट ने हिंदू पक्ष को भी लिखित दलील दाखिल करने का आदेश दिया है.
हिंदू पक्ष ने जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत में लिखित दलीलें दाखिल की हैं. इसका अध्ययन करने के बाद अब सोमवार को कोर्ट का फैसला आया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की कोर्ट में अपीलकर्ता मुस्लिम पक्ष की तरफ से लिखित दलीलें पहले ही दाखिल की गई थीं। इनको कोर्ट ने रिकॉर्ड पर लिया है, हिंदू पक्ष से भी लिखित दलील दाखिल करने को कहा है।
यह था पूरा मामला
31 जनवरी को जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश ने व्यास परिवार को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में पूजा करने की अनुमति दी थी। इससे पहले 17 जनवरी को जिला जज ने जिला मजिस्ट्रेट को रिसीवर नियुक्त करने का भी आदेश दिया था। जिला जज के इस आदेश पर तत्काल रोक लगाने की मांग को लेकर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी पहले सुप्रीम कोर्ट गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पहले हाईकोर्ट में अपील करने को कहा। इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर पहले सुनवाई 2 फरवरी को हुई थी।