FIRE INCIDENT IN HALDWANI: फायर ब्रिगेड की राह रोकती हैं हल्द्वानी की तंग गलियां, जेसीबी से बुझानी पड़ी आग, करोड़ों का नुकसान
FIRE INCIDENT IN HALDWANI: हल्द्वानी में आग बुझाने के लिए जेसीबी मशीन की मदद लेनी पड़ी, शहर की तंग गलियों ने फायर ब्रिगेड की राह रोकी। इस हादसे में एक करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान है
FIRE INCIDENT IN HALDWANI: शहर के नया बाजार क्षेत्र में बीती रात एक भीषण अग्निकांड ने हलचल मचा दी। इस आग ने न केवल पांच दुकानों को पूरी तरह स्वाहा कर दिया, बल्कि आसपास की आधा दर्जन दुकानों को भी नुकसान पहुंचाया। घटना के दौरान दमकल विभाग को आग बुझाने में चार घंटे से अधिक का समय लगा। तंग गलियों और अव्यवस्थित बाजार संरचना के कारण फायर ब्रिगेड को मौके पर पहुंचने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। आग इतनी भयावह थी कि इसे नियंत्रित करने के लिए जेसीबी मशीन का सहारा लेना पड़ा। इस अग्निकांड में एक करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
आग लगने की घटना: कैसे हुई शुरुआत
रविवार रात लगभग 8 बजे ताज चौराहा स्थित सुबोध गुप्ता की लेदर अटैची की दुकान से आग की शुरुआत हुई। स्थानीय लोगों ने दुकान से उठती तेज लपटें और धुआं देखकर तुरंत पुलिस और अग्निशमन विभाग को सूचना दी। लेकिन आग इतनी तेजी से फैल रही थी कि देखते ही देखते उसने आसपास की अन्य दुकानों को भी अपनी चपेट में ले लिया। इनमें दानिश की बाबा शूज, रॉयल टच रेडीमेड गारमेंट्स, गांधी आश्रम, और सरदार क्लॉथ हाउस जैसी प्रतिष्ठित दुकानें शामिल थीं। आग ने इन दुकानों के सारे सामान को जलाकर राख कर दिया, जिससे व्यापारियों को भारी आर्थिक क्षति हुई है।
अग्निशमन विभाग की मशक्कत और जेसीबी का सहारा
आग बुझाने के लिए हल्द्वानी के साथ-साथ दूसरे जिलों से भी दमकल वाहनों को बुलाया गया। हालांकि, बाजार की तंग गलियों के कारण दमकल गाड़ियों को मौके पर पहुंचने में काफी देरी हुई। स्थिति इतनी विकट हो गई कि दमकल कर्मियों को आग बुझाने के लिए जेसीबी मशीन की मदद लेनी पड़ी। जेसीबी के जरिए कुछ दुकानों की दीवारें तोड़ी गईं, ताकि आग पर काबू पाया जा सके। फायर ब्रिगेड ने हौज पाइप की मदद से पानी की बौछार कर आग पर नियंत्रण पाया, लेकिन इसमें चार घंटे से अधिक का समय लगा।
भगदड़ और नुकसान का मंजर
आग लगने की सूचना के बाद नया बाजार क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते दिखे। घटना के दौरान अधिकांश दुकानें बंद थीं, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। लेकिन आग से हुए नुकसान ने व्यापारियों की वर्षों की मेहनत को राख में बदल दिया। शुरुआती आंकलन के अनुसार, इस अग्निकांड में एक करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या है हल?
नया बाजार क्षेत्र में यह कोई पहली बार नहीं है जब तंग गलियों और बाजार की अव्यवस्थित संरचना के कारण दमकल विभाग को दिक्कतों का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं। अग्निशमन अधिकारी मनिंदर पाल सिंह ने बताया कि आग के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है और घटना की जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि बाजार की तंग गलियां आग बुझाने में एक बड़ी बाधा बनती हैं।
क्या कहता है प्रशासन?
प्रशासन और स्थानीय निकायों को अब इस समस्या पर गंभीरता से ध्यान देना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि बाजारों में अग्नि सुरक्षा उपायों को अनिवार्य करना, तंग गलियों का पुनर्गठन और दमकल वाहनों की पहुंच सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। व्यापारियों ने भी प्रशासन से आग जैसी घटनाओं से बचाव के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।
आगामी चुनौतियां
हल्द्वानी जैसे तेजी से बढ़ते शहरों में बाजारों की अव्यवस्थित संरचना और सुरक्षा उपायों की कमी से ऐसी घटनाएं भविष्य में भी दोहराई जा सकती हैं। अग्निकांड न केवल व्यापारियों के लिए आर्थिक नुकसान लेकर आता है, बल्कि शहर की संरचनात्मक खामियों को भी उजागर करता है।