नई दिल्ली: गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने अपने बेहतर राजनैतिक कैरियर के लिए भाजपा का दामन थामा है। हार्दिक कांग्रेस में उपेक्षा के शिकार थे। वे काफी समय से पार्टी में घुटन महसूस कर रहे थे। उन्होने कई बार अपनी पीड़ा को सार्वजनिक मंचों के माध्यम से उजागर भी किया।
हार्दिक ने एक बार यहां तक कह दिया था कि वे अपने आप को उस दूल्हे की तरह महसूस कर रहे है, जिसकी शादी होने के तुरंत बाद नसबंदी कर दी हो। इन शब्दों के माध्यम से उन्होने पार्टी में पद होने के बावजूद कुछ भी न करने की स्वतंत्रता न होने की पीड़ा बयां की थी, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने हार्दिक की बातों पर कोई महत्व दिया।
ये भी पढें- सोनिया-राहुल से पूछताछ करेगा ED , नोटिस भेजकर 8 जून को बुलाया
जब हार्दिक पटेल को अपनी राजनैतिक भविष्य धुंधला दिखायी देने लगा, तो कांग्रेस को छोडना उनकी मजबूरी और भाजपा में शामिल होना जरुरी हो गया था। अब उनमें राष्ट्रहित और जनहित की भावना जागी है और भाजपा का सिपाही बनकर इस दिशा में काम करने की बात कर रहे हैं।
इस में कोई शक नहीं कि हार्दिक पटेल की गुजरात में पिछड़े वर्ग में गहरी पैठ है और लाखों लोग उनके समर्थक हैं। आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव में उनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए ही भाजपा ने उन्हें अपनी पार्टी में शामिल किया है, लेकिन गुजरात विधानसभा चुनाव में उनका इस्तेमाल कर पिछडे वर्ग के मतदाताओं को किस हद तक भाजपा फायदा उठा पाती है, यह तो आने वाला समय ही बता सकेगा, फिलहाल भाजपा हार्दिक पटेल को पार्टी में आने और हार्दिक भाजपा के अपनाने को लेकर पर खुश है।