Haryana News: फरीदाबाद की सबसे बुजुर्ग मतदाता का निधन, 113 वर्ष की थी चंद्री देवी
हरियाणा के फरीदाबाद जिले की सबसे उम्रदराज मतदाता चंद्री देवी का गुरुवार को निधन हो गया। 113 वर्ष की उम्र में उन्होंने घर पर ही अंतिम सांस ली। चंद्री देवी हाल ही में नगर निगम चुनाव में घर पर ही वोट डालकर लोकतंत्र के प्रति अपनी आस्था का परिचय दिया था।
Haryana News: हरियाणा के फरीदाबाद जिले की सबसे उम्रदराज मतदाता चंद्री देवी का गुरुवार को निधन हो गया। 113 वर्ष की उम्र में उन्होंने घर पर ही अंतिम सांस ली। चंद्री देवी हाल ही में नगर निगम चुनाव में घर पर ही वोट डालकर लोकतंत्र के प्रति अपनी आस्था का परिचय दिया था। वह पृथला विधानसभा क्षेत्र के गांव पृथला की रहने वाली थीं, लेकिन वर्तमान में परिवार के साथ सेक्टर-8, बल्लभगढ़ में रह रही थीं।
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लोकतंत्र की मिसाल बनीं चंद्री देवी
चंद्री देवी अपने जीवन में हर चुनाव में बढ़-चढ़कर भाग लेती थीं। उन्होंने हाल ही में संपन्न हुए फरीदाबाद नगर निगम चुनाव में भी घर पर वोट डाला था। जिला प्रशासन के रिकॉर्ड के अनुसार वह फरीदाबाद की सबसे उम्रदराज मतदाता थीं और समाज के लिए एक प्रेरणा थीं। उनके इस समर्पण को देखते हुए प्रशासन भी उन्हें विशेष सम्मान देता था।
सरल जीवन, सादा आहार
परिवार के अनुसार चंद्री देवी का जीवन बेहद अनुशासित और सादा था। वह रोज सुबह 6 बजे उठकर करीब 200 कदम पैदल चलती थीं। उन्हें गिर नस्ल की गाय का दूध बहुत पसंद था, जिसे वह रोज करीब डेढ़ लीटर पीती थीं। खाने में सामान्य रोटी-सब्जी खाती थीं। पहले घी का सेवन भी करती थीं, लेकिन कुछ साल पहले इसे छोड़ दिया था।
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परिवार और सामाजिक जीवन
चंद्री देवी का परिवार बड़ा और संयुक्त था। उनके दो बेटे—सुखबीर तेवतिया (72) और राजबीर तेवतिया (69)—जमींदार हैं। चार बेटियां—मोहनदेई, लीलावती, शकुंतला और ओमवती—भी शादीशुदा हैं। उनके पोते नवीन तेवतिया और सोनू तेवतिया भी विवाहित हैं और उनके बच्चे हैं। उनके पति मुख्तयार सिंह का निधन 1997 में हुआ था, वह भी जमींदार थे।
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शांत और धार्मिक स्वभाव
बेटे सुखबीर तेवतिया ने बताया कि मां बेहद शांत स्वभाव की थीं। पूजा-पाठ, दान-दक्षिणा और सबकी भलाई में उनका विश्वास था। रिश्तेदारों का कहना है कि वह सभी से आत्मीयता से मिलती थीं और समझदारी से बात करती थीं। उनका अंतिम संस्कार सेक्टर-8 बाइपास स्थित श्मशान घाट में किया गया, जहां बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
चंद्री देवी के जीवन ने यह साबित किया कि उम्र चाहे जितनी भी हो, सक्रिय जीवनशैली और सामाजिक सहभागिता से इंसान सदैव प्रेरणास्रोत बना रह सकता है।
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