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आ गया है बुलेट कैमरा, अब अपराधियों की खैर नहीं, जानिए कैसे काम करता है ये कैमरा

Bullet camera in Puri : अपराधी कितना भी खूंखार और शातिर हो, लेकिन कानून और पुलिस के शिकंजे से उसका बच पाना मुश्किल ही होता है। ओडिशा में पुलिस ने एक बार फिर से इसी बात को साबित करके दिखाया है। पुरी में बुलेट कैमरा अपराधियों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन रहा है।

अपराधियो को पकड़ने के लिए पुलिस ने देश में अब तक की सबसे स्मार्ट तकनीकी को अपनाया है। पुरी में चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर की मदद से पुलिस अब चोरों को पहचान पाएगी। पुरी में रथ यात्रा के दौरान जेबकतरे, मोबाइल चोर भक्तों की भीड़ का फायदा उठाने की कोशिश में रहते हैं। लेकिन पुलिस ने नए डिवाइस से इस तरीके के अपराध को काबू पाना शुरू कर दिया है और इसे नाम दिया गया है बुलेट कैमरा।

पुरी के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बुलेट कैमरे की मदद से अपराधियों के पास से 117 फोन बरामद किए गए हैं। उनके अनुसार इस डिवाइस को आगे भी उपयोग में लाया जाएगा और पूरे प्रदेश में इसके जरिए अपराध पर नियंत्रण किया जाएगा। पुलिस के अनुसार मंदिर में पुराने कैमरों को वीडियो एनालिटिक्स और चेहरे की पहचान प्रणाली से लैस नए कैमरे से बदले जाएंगे। लगभग 6.47 करोड़ की लागत से 162 कैमर लगाए जाएंगे।

बुलेट कैमरै क्या है?
ओडिशा में पहली बार पुरी पुलिस ने अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जिस बुलेट कैमरे को शामिल किया है, वह सबसे हाईटेक कैमरा माना जा रहा है। हाई-रिजॉल्यूशन वाले मोटर चालित इन बुलेट कैमरों को फिलहाल जगन्नाथ मंदिर के सामने ग्रैंड रोड पर कई स्थानों पर लगाया गया है। राज्य पुलिस अधिकारियों के अनुसार फीडबैक और प्रदर्शन के आधार पर भुवनेश्वर और कटक सहित प्रदेश के दूसरे शहरों में भी इस तकनीक का उपयोग किया जाएगा। पुलिस के अनुसार अपराध की रोकथाम और पता लगाने की दिशा में यह तकनीक एक अच्छा परिणाम दें सकती है।

बुलेट कैमरा कैसे करता है काम?
पुलिस के अनुसार राज्य अपराध रिकॉर्ड को उसके डेटाबेस में 300 अपराधियों के चेहरों की इमेज को पहले ही फीड कर दिया है। उन चेहरों को पहचान से जोड़ा गया है। अपराध ब्यूरो अधिकारियों की मदद से चुनिंदा स्थानों पर बुलेट कैमरा लगाए गए है और जैसे ही कोई अपराधी इस कैमरे के संपर्क में आता है उसका चेहरा कैमरे में कैद हो जाता है और कैमरा में चेहरा कैद होते ही पुलिस कंट्रोल रुम में अलार्म बजने लगता है। इसके बाद पुलिस सक्रिय हो जाती है और अपराधी पुलिस की गिरफ्त में हो जाते हैं।

सुरक्षा की नई तकनीकी है कैमरा
ओडिशा के ADG विनयतोष मिश्रा ने कहा कि अपराधियों को पकड़ने वाले इस डिवाइस का इस्तेमाल पहली बार किसी राज्य में शुरू किया गया है। सुरक्षा के क्षेत्र में यह एक अच्छा मॉडल साबित हो सकता है। ओडिशा में इस्तेमाल हो रही इस तकनीक को देश के दूसरे राज्य में भी लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पुरी में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर बुलेट कैमरे लगाए गए हैं और ये सफल भी हुए हैं।

Aman Pandey

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