नई दिल्ली: ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे मामले में सीनियर डिवीजन कोर्ट में बुधवार को सुनवाई पूरी हो गयी। दो दिन तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है। अदालत बृहस्पतिवार को अपना फैसला सुना सकती है।
इसी अदालत के आदेश पर वाराणसी में काशीनाथ और ज्ञानवाणी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और कई विग्रहों के संबंध में दो दिवसीय सर्वे का आदेश दिया था। इसके लिए अदालत ने कोर्ट कमीशनर नियुक्त किया था। दो दिवसीय ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे कार्य 6 मई को शुरु हुआ था और इसकी वीडियोग्राफी भी हुई थी। लेकिन सर्वे के दूसरे दिन 7 मई को सैंकड़ों मुस्लिमों ने ज्ञानवापी मस्जिद के बाहर बैरिकेटिंग लगाकर सर्वे टीम को अंदर नहीं आने दिया। उन्होने कोर्ट कमीशनर पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए बदलने की मांग की थी।
इस पर दोनों पक्ष फिर से अदालत में पहुंच गये थे, जहां मुस्लिम पक्ष कोर्ट कमीशनर को बदलने पर अड़ा था, वहीं हिन्दू पक्ष के अधिवक्ताओं ने सीनियर डिवीजन कोर्ट से वस्तु स्थिति जानने के लिए स्थलीय मुआयना का आग्रह किया था। बुधवार को इस प्रकरण में क्लाज 61 सी जोड़कर सुनवाई हुई। अदालत इस मामले में क्या रुख अपनाती है, यह कल फैसला आने के बाद ही पता चल सकेगा।
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मस्जिद परिसर से पहले दिन के सर्वे में कमल, शंख, गदा आदि साक्ष्य संकलित होने पर मुस्लिम वर्ग घबराया हुआ है। इससे याचिकाकर्ताओं के ज्ञानवाणी मस्जिद के ढांचे के नीचे मंदिर होने के दावे को बल मिलता है और दूसरा पक्ष नहीं चाहता है कि सर्वे की वीडियोग्राफी में वहां मंदिर होने के सबूत कैमरे में कैद हों।