Online Shopping: भारी डिस्काउंट देने के बावजूद भी कैसे फायदे में रहती हैं ई-कॉमर्स कंपनियां? जानें क्या है सच?
इस दौरान लोग लाखों की ऑनलाइन शापिंग (Online Shopping) करते हैं और शॉपिंग करते वक्त अक्सर देखा जाता है कि कई महंगी चीजें ऑनलाइन भारी डिस्काउंट में मिलती है। जैसे कोई 10 हजार का प्रोडक्ट आपको 5-6 हजार में मिल जाता है।
नई दिल्ली: त्योहारों के सीजन (Online Shopping) में अक्सर देखा जाता है कि ऑनलाइन शापिंग में बड़ी छूट मिलती है लेकिन सोचने वाली बात ये है कि इतना भारी डिस्काउंट देने के बावजूद भी ये कंपनियां प्रोफिट कैसे कमाती है। देश में त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है। इसके बाद शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा।
इस दौरान लोग लाखों की ऑनलाइन शापिंग (Online Shopping) करते हैं और शॉपिंग करते वक्त अक्सर देखा जाता है कि कई महंगी चीजें ऑनलाइन भारी डिस्काउंट में मिलती है। जैसे कोई 10 हजार का प्रोडक्ट आपको 5-6 हजार में मिल जाता है। जैसे ऑनलाइन मार्केट प्लेस पर iPhone की ही बात करें तो फ्लिपकार्ट-अमेजॉन पर 50 हजार रुपये से कम में iPhone 13 बिकता है और कभी कभी तो उससे भी कम में भी मिल जाता है। तो चलिए जानते हैं भारी डिस्काउंट के बावजूद भी कंपनियां प्रोफिट कैसे कमाती है?
क्या है इसके पीछे का कारण?
ऑनलाइन सेल में कंपनिया मुख्य रूप से तीन बिंदुओं पर काम करती हैं। इसमें से सबसे पहला है कि ये छोटे व्यापारियों से सामान खरीदती हैं। जो इन्हें पहले से ही कम पैसों में सामान देते हैं। वहीं इससे छोटे व्यापारियों के सामान को भी एक स्थाई प्लेटफार्म मिलता है और वैसे भी ये कंपनियां पहले से ही कम कीमत में सामान खरीदती हैं तो सेल के दौरान इन्हें कोई नुकसान भी नहीं होता है। इसी के साथ MSMEs यानी माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइसेस की वजह से ई-मार्केट लोगों के बजट में होता है।
यह भी पढ़ें: Kriti Kharbanda Birthday: आज कृति खरबंदा मना रही अपना 32वां जन्मदिन, जानें हिना की किस बात पर भड़की थी हसीन, पढ़ें कुछ अनसुनी कहानियां
ई-मार्केट में का एक औऱ पहलू है जहां किसी भी कंपनी की वेबसाइट पर देखेंगे तो वहां प्रोडक्ट की कीमत Amazon-Flipkart से ज्यादा होती है। फिर सवाल आता है कि ये कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर इतने सस्ते में क्यों बेचती हैं? दरअसल अमेजॉन या फ्लिपकार्ट पर उन्हें एक बड़ा कंज्यूमर्स का समूह मिलता है जिसकी वजह से ज्यादा सामान बेचकर ज्यादा मुनाफा कमाना और अपने मार्जिन को कम करके ब्रांड्स ज्यादा प्रोडक्ट बेच लेते हैं। इस तरह के हर प्रोडक्ट पर ब्रांड्स का मुनाफा भले ही कम हो, लेकिन उनका ओवरऑल प्रॉफिट सेल के साथ बढ़ जाता है।
इस तरह की सेल में बैंकों की भी भागीदारी होती है क्योंकि हर सेल में किसी ना किसी बैंक के कार्ड पर डिस्काउंट मिलता है…जिसका फायदा भी कंपनियों को मिलता है। दरअसल सेल में जो प्राइस शो किया जाता है, वो रियल में डिस्काउंट के बाद का होता है। इसमें बैंक ऑफर भी शामिल होता है, जिसकी वजह से कंपनियां भी सस्ते में अपना सामान बेच पाती है।