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Higher education in Uttarakhand gets a new direction: उत्तराखंड में उच्च शिक्षा को मिली नई दिशा: 37 असिस्टेंट प्रोफेसर्स को मिली पहली तैनाती, दूरस्थ क्षेत्रों के महाविद्यालयों को राहत

Higher education in Uttarakhand gets a new direction: उत्तराखंड में उच्च शिक्षा में 37 असिस्टेंट प्रोफेसर को पहली तैनाती दी गई है. जिसके बाद विभिन्न विषयों में खाली पदों को भरा जा सकेगा.

Higher education in Uttarakhand gets a new direction: देहरादून: उत्तराखंड के उच्च शिक्षा क्षेत्र में एक अहम कदम उठाया गया है। हाल ही में राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 37 असिस्टेंट प्रोफेसर्स को पहली तैनाती दी गई है, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों के महाविद्यालयों को स्थायी प्रोफेसर्स की कमी से राहत मिलेगी। यह तैनाती उच्च शिक्षा को मजबूत करने और महाविद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

रिक्त पदों पर स्थायी नियुक्ति

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा हाल ही में राजनीति शास्त्र और भूगोल विषयों के लिए 37 असिस्टेंट प्रोफेसर्स का चयन किया गया था। इनमें से 22 राजनीति शास्त्र और 15 भूगोल के असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल हैं। इन सभी को पहली तैनाती दूरस्थ क्षेत्रों के महाविद्यालयों में दी गई है। इससे उन महाविद्यालयों को बड़ी राहत मिलेगी, जहां इन विषयों के शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी।

दूरस्थ क्षेत्रों को प्राथमिकता

दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों के महाविद्यालयों में शिक्षक पदों की रिक्तता को देखते हुए, सरकार ने इन क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर तैनाती की है। इससे न केवल छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल सकेगी, बल्कि महाविद्यालयों की नैक ग्रेडिंग में भी सुधार होने की उम्मीद है।

स्थायी नियुक्ति से शैक्षणिक माहौल बेहतर

उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री, धन सिंह रावत ने कहा कि महाविद्यालयों में सौ प्रतिशत शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्थायी नियुक्ति के जरिए महाविद्यालयों के शैक्षणिक माहौल को बेहतर किया जाएगा, जिससे छात्रों को उच्च शिक्षा का लाभ मिल सके।

Higher education in Uttarakhand gets a new direction: 37 assistant professors got their first posting, relief to colleges in remote areas.

गेस्ट फैकल्टी का होगा पुनर्समायोजन

स्थायी प्रोफेसरों की नियुक्ति से प्रभावित हो रहे गेस्ट फैकल्टी के समायोजन पर भी काम किया जा रहा है। गेस्ट फैकल्टी को अन्य महाविद्यालयों में समायोजित करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग पूरी तत्परता से काम कर रहा है।

महाविद्यालयों की बुनियादी सुविधाओं में सुधार

स्थायी प्रोफेसरों की कमी को दूर करने के साथ-साथ महाविद्यालयों के ढांचे और बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए भी प्रयास जारी हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि महाविद्यालयों में छात्रों को पढ़ाई का अनुकूल वातावरण मिले।

छात्र-छात्राओं को मिलेगा फायदा

इस तैनाती से विशेष रूप से दूरस्थ क्षेत्रों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को फायदा होगा। इन क्षेत्रों में स्थायी प्रोफेसरों की नियुक्ति से अब नियमित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संभव हो सकेगी।

निष्कर्ष

उत्तराखंड में उच्च शिक्षा को मजबूत करने की दिशा में यह कदम ऐतिहासिक साबित हो सकता है। स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति से न केवल शैक्षणिक माहौल बेहतर होगा, बल्कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी मिल सकेगी। यह पहल राज्य के शिक्षा क्षेत्र को नई दिशा देने के साथ-साथ महाविद्यालयों की गुणवत्ता में भी सुधार लाने का काम करेगी।

Mansi Negi

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