अयोध्या के साथ-साथ वाराणसी में भी होगी हिंदुओं की विजय!
Gyanvapi Survey Case:ज्ञानवापी में मंदिर है या मस्जिद इस पर से आज पर्दा उठ सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। क्योंकि ASI ने कोर्च से 15 दिन का समय और मांगा है। यानी की अब 15 दिन का इंतजार और करना होगा। दरअसल आपको बता दें कि ASI की टीम ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे पर एक स्टेडी रिपोर्ट तैयार की थी।जिसे आज सीलबंद लिफाफे में वाराणसी जिला जज के सामने पेश किया जाना था। ASI की टीम ने सर्वे के दौरान जुटाए 250 से ज्यादा सबूतों को डीएम की निगरानी में लॉकर में जमा करा दिए थे। मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे का विरोध किया था .और सर्वे को अतीत के ज़ख्म कुरेदने जैसा बताया था। वहीं हिंदू पक्ष ने पूरे मामले में सर्वे से ही तार्किक निर्णय लेने को संभव बताया था।हिंदू पक्ष को भरोसा था कि अगर आज कोर्च में सुनवाई होती तो फैसला उनके पक्ष में जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
आपका बता दें कि 100 दिन से ज्यादा वक्त तक चले ASI के साइंटिफिक सर्वेक्षण के दौरान करीब 40 लोगों की टीम ने सर्वे के लिए कई अत्याधुनिक उपकरणों की मदद ली थी।सर्वे में थ्री डी फोटोग्राफी और स्कैनिंग के साथ डिजिटल मैपिंग भी करवाई गई है। ज्ञानवापी मस्जिद के सील वजूखाने को छोड़कर बाकी सभी हिस्से और तहखानों के सर्वे का आदेश दिया था। जिसके विरोध में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाते हुए मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट जाने को कहा था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज करते हुए सर्वे जारी रखने के आदेश दिए थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को राहत देने से इनकार कर दिया। ज्ञानवापी परिसर के सर्वे से सच को सामने लाने की कोशिश है। देखना होगा कि ASI की रिपोर्ट मिलने के बाद कोर्ट का फैसला हिंदू और मुस्लिम में से किसके पक्ष में जाता है।
वाराणसी (Varanasi) के ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की रिपोर्ट आज पेश किया जाना था, जो कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की ओऱ से होना था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट को सौंपने के लिए 15 दिन का औऱ समय मांगा है, यानी की अब 15 दिन बाद फिर से रिपोर्ट को पेश किया जाएगा। बता दें कि 100 दिन से ज्यादा वक्त तक चले ASI के साइंटिफिक सर्वेक्षण के दौरान करीब 40 लोगों की टीम ने सर्वे के लिए कई अत्याधुनिक उपकरणों की मदद ली थी।सर्वे में थ्री डी फोटोग्राफी और स्कैनिंग के साथ डिजिटल मैपिंग भी करवाई गई है। जानकारी ये भी सामने आ रही है कि एएसआई ने अपने सर्वे के दौरान 250 से अधिक अवशेषों को सुरक्षित रखा है।
एक तरफ ज्ञानवापी में अब हलचल तेज होने लगी है, तो वहीं दूसरी ओर रामनगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण तेज़ी के साथ चल रहा है। जनवरी में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का अपने मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। आपको बता दें 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी।गर्भगृह बनकर तैयार है, साफ-सफाई भी हो चुकी है। राम मंदिर के प्रथम तल के फर्श का काम भी लगभग खत्म होने वाला है।प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम की तैयारियां भी ज़ोर-शोर से चल रही हैं। अब ऐसे में एक तरफ अयोध्या है, तो वहीं दूसरी ओर वाराणसी में ज्ञानवापी को लेकर चर्चाएं तेज हो रही हैं। अब ऐसे में देखना ये दिलचस्प होगा कि क्या राम मंदिर निर्माण से पहले क्या वाराणसी से हिंदुओं के लिए कोई खुशखबरी आती है या फिर नहीं।