Political News CAA: लोकसभा चुनाव से पहले देश भर में नागरिकता संशोधन अधिनियम यानि सीएए लागू किया जाएगा। यह बात गृहमंत्री शाह पहले भी कहते थे और आज भी कह रहे हैं। गृहमंत्री शाह के इस दावे के बाद देश के भीतर हलचल बढ़ी हुई है। आज संसद का आखिरी दिन है। कह सकते हैं कि इस सरकार क यह आखिरी सत्र है। लोकसभा चुनाव के बाद अब जो सरकार बनेगी उसके बाद ही संसद सत्र की शुरुआत होगी। उधर बीजेपी शासित राज्य उत्तराखंड में सामान नागरिक संहिता कानून लागू होने की तैयारी है। उत्तराखंड विधान सभा से यह अधिनियम पास भी हो चुका है। जिस दिन से यह कानून लागू होगा उसी दिन से उत्तराखंड में सभी के लिए एक कानून चलेगा। यह बात और है कि मुस्लिम समुदाय के लोग अभी भी इस कौन के खिलाफ हैं लेकिन सरकार अगर यही चाहती है तो किसी का विरोध कब तक चल सकेगा ? लेकिन अब लगता है कि इस कानून के खिलाफ भी अदालत पहुँच सकते हैं लोग।
सामान नागरिक संहिता की बात को छोड़ भी दें तो बीजेपी जिस तरह का बयान दे रही है और सीएए लागू करती है तो जाहिर है कि यह सब वोट ध्रुवीकरण राजनीति ही हो सकती है। बीजेपी को लग रहा है कि ऐसा करके हिन्दुओ के वोट को वह एक साथ क्लब कर सकती है और इसका लाभ वह उठा सकती है। ऐसा हो भी सकता है और नहीं भी। लेकिन जानकार कह रहे हैं कि जिस तरह से मंदिर के मुद्दे को आगे बढ़ाने के साथ ही उत्तराखंड से सामान नागरिक संहिता की शुरुआत की है और अब सीएए लागू करने की बात कहि जा रही है इससे साफ है कि बीजेपी बड़े स्तर पर हिन्दू सेंटीमेंट को जगाने में जुटी हुई है। और अगले लोकसभा चुनाव में वह किसी भी तरह से फिर से जीत हासिल करने को तैयार है।
गृह मंत्री अमित शाह ने एक चैनल को कहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को लागू कर दिया जाएगा। शाह के इस बयान से जाहिर है कि इस बार शाह जो कह रहे हैं वह करेंगे ही। बीजेपी को लग रहा है कि मंदिर का मुद्दा काम नहीं आ रहा है और कांग्रेस लगातार उसे लपेट भी रही है। अभी हाल में ही मोदी के पिछड़े समाज से आने की कहानी को भी राहुल गाँधी ने एक्सपोज कर दिया। यह बीजेपी के लिए बड़ा झटका है। हालांकि बीजेपी के लोग गोदी मीडिया रहल को ही बदनाम करने में तुले हुए हैं लेकिन सच्चाई सामने आने के बाद भी बीजेपी और गोदी मीडिया वाले मान रही रहे हैं। ऐसे में बीजेपी को लग रहा है कि उसके पास जितने भी घोड़े हैं सबको एक साथ छोड़ दिया जाए तभी आगामी चुनाव में पार्टी की जीत संभव हो सकती है।
दरअसल अमित शाह ने कहा है कि ”मैं साफ़ कर देना चाहता हूँ कि सीएए किसी व्यक्ति की नागरिकता को नहीं छीनेगा। इसका उदेश्य केवल धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे पकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकत देना है। यह वादा मूलरूप से कांग्रेस ने ही उनसे किया था। ” शाह ने कहा कि आज विपक्षी पार्टियां लोगों को गुमराह कर रही है। उन्हें भड़काया जा रहा है। लेकिन सच क्या है यह सब जानते हैं।