उत्तर प्रदेश

UP News: लॉकअप से कोर्ट के बीच कैसे फरार हो रहे मुजरिम, पुलिस की ‘पकड़’ इतनी ढीली कैसे ?

UP News: लखनऊ से आए दिन ऐसे मामले आते रहते है जब पेशी पर आए कैदी पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब हो गए। इसके पीछे कई कारण हैं। जेल से अदालत ले जाते वक्त ये अपराधी भागने पर मजबूर हो जाते हैं। इन घटनाओं का मुख्य कारण रिश्वतखोरी बताया जाता है।

कैदी राजकुमार मंगलवार को ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों की ढीली पकड़ का फायदा उठाकर भरी अदालत से भाग निकला। राजकुमार को मंगलवार को लखनऊ सिविल कोर्ट में पेश किया गया। अब पुलिस की 3 टीमें उसे तलाशने में लगी हुई हैं। ऐसा पहली बार नही हुआ है, जब जिला जेल से सिविल कोर्ट में पेशी पर आया बंदी पुलिसकर्मियों की आंखो में छूल झोक को भाग निकला हो। इससे पहले भी कई बार पेशी पर आए बंदी खाकी को चकमा दे चुके हैं।

सुविधा शुल्क का मुद्दा कभी-कभी कैदियों के भागने का मुख्य कारण रहा है, और कभी-कभी यह उनकी सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस अधिकारियों की लापरवाही रही है। इस बार भी लापरवाही के लिए दोनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज की गई है। डीसीपी पश्चिम डॉ.ओम वीर सिंह का कहना है कि फरार बंदी को तलाशा जा रहा है। मामले में लापरवाही बरतने वाले दोनों कॉन्स्टेबलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

वैन से उतरते हुए बंदी हुआ फरार

आपको बता दें पुलिस को चकमा देकर भाग निकला राजकुमार बस्ती में नगर निगम में सफाई कर्मचारी के तौर पर काम करता था। वह खुद को अधिकारी बताकर बेरोजगार लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर मोटे पैसे ठगता था। राजकुमार ने दिसंबर 2020 में अतीकुल रहमान और उसके भाई मोहम्मद आरजू को नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे 10 लाख रुपए ठग लिए। नौकरी न मिलने पर पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई और इसके बाद जानकीपुरम पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। उसके खिलाफ लखनऊ, बाराबंकी, बस्ती समेत कई जिलों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि उसके शातिर होने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सिविल कोर्ट में मंगलवार को कॉन्स्टेबल विपिन पांडेय और देवेश कुमार उसे बिना हथकड़ी पहनाए लाए थे। दोपहर करीब 3 बजे वैन से उतरने के बाद ही वह पुलिसकर्मियों को चकमा देकर भाग गया था।

रेस्तरां में भी कई बार पुलिस और बंदी का गठजोड़ आया सामने

सुविधा शुल्क और लालच के कारण जिला जेल से कैदियों को सुनवाई के लिए कोर्ट ले जाने वाले पुलिस कर्मियों अपने पकड़ ढीली कर देते है। 1 अगस्त को बार कैंटीन में सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कांस्टेबल धर्मेंद्र नायक और कमलेश को एक कैदी को चाय और खाना देते देखा। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस अफसरों से की। छानबीन में दोनों कॉन्स्टेबल बंदी के साथ कैंटीन में मिले, लिहाजा दोनों को सस्पेंड कर दिया गया था। इससे पहले भी कचहरी के बाहर के होटल व रेस्तरां में भी कई बार पुलिस और बंदी का गठजोड़ सामने आ चुका है।

पुलिसकर्मी के खिलाफ भी होते हैं मामला दर्ज

सुनवाई के दौरान बंदियों को अदालत में लापरवाही बरतने पर फरार बंदी के साथ उसकी अभिरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ संबंधित पुलिस थाने में मामला दर्ज किया जाता है। बंदी के पकड़े जाने और विभागीय जांच में क्लीन चिट मिलने तक लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मी भी आरोपित बने रहते हैं। एक पुलिस अफसर ने बताया कि ऐसे मामलो का असर पुलिसकर्मी के करियर पर भी पड़ता है। उसके प्रमोशन में भी दिक्कत आती है, इसीलिए पेशी करवाने जाने वाले हर पुलिसकर्मी को चौकन्ना रहने की हिदायत देकर भेजा जाता है।

विडियो की जांच में होगा खुलासा

कोर्ट परिसर में बनाया गया एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा हैं यह वीडियों 9 अगस्त को बनाया गया बताया जा रहा है। जिसमें सुनवाई करने पहुंचे पुलिसकर्मिये को सुविधा शुल्क वसूलते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो की जांच पश्चिमी क्षेत्र के एक वरिष्ठ पुलिस अफसर को सौंपी गई है। अभी इस केस की जांच पूरी नहीं हुई है, लेकिन अगर विडियो से आरोप सही साबित होता है तो सुविधा शुल्क का गठजोड़ खुद ब खुद सामने आ जाएगा। डीसीपी पश्चिमी ने बताया कि मामले की जांच अभी भी जारी है। जब तक सच सामने नहीं आ जाता, जांच पूरी नहीं होगी।

हाल के दिनों में भागे बंदी

कचहरी परिसर से 27 अगस्त को भागा बंदी राजकुमार।
आशियाना के सालेहनगर निवासी सलमान 12 जुलाई की सुनवाई के दौरान भाग गया था।
वजीरगंज कोतवाल के शौचालय से 11 जुलाई 2023 को भागा था बंदी।

25 जनवरी 2023 को विकासनगर निवासी विजय उर्फ ​​गोलू कोर्ट रूम से भाग गया था

Prachi Chaudhary

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