महोबा (सागर): कबरई विकास खण्ड के पचपहरा गांव के कई ग्रामीणों अपना जिंदा होने का सबूत देने के लिए अपनी गले में तख्ती लटकाकर सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो सकी है। इन बुजुर्गो का आरोप है कि गांव सचिव ने तकरीबन दो साल पहले उन्हें सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया गया है, जिससे उन्हें बीते डेढ़–दो सालों से वृद्धा पेंशन का लाभ नही मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से ग्राम सचिव के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सरकारी दस्तावेज में उन्हें जीवित दिखाकर वृद्धा पेंशन बहाल करने की मांग की है।
पचपहरा गांव के रहने वाली गिरजा रानी पत्नी वृंदावन राजपूत, राकेश रानी पत्नी रामादीन यादव, कलिया पुत्र मनुआ यादव, सरमन पुत्र बसंता अहिरवार, नंदकिशोर पुत्र चेतराम यादव आदि ने बताया कि ग्राम सचिव द्वारा कागजी सत्यापन के एवज में इन सभी से 5000 रुपए की मांग की गई थी, लेकिन उनके पास घूस देने लिए पैसे नहीं थे, इससे चिढकर भ्रष्ट सचिव ने इन सभी को जीवित रहने के बावजूद सरकारी कागजों में मृत दर्शाकर उनकी पेंशन बंद करवा दी। एक भ्रष्ट सचिव की वजह से उन्हें अपने गले में “जिंदा हूँ मैं” की तख्ती लटकाकर डीएम महोबा की चौखट पर खुद के जिंदा होने की गवाही देनी पड़ रही है।
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उम्र का आखिरी पड़ाव में आर्थिक तंगी की मार झेल रहे इन ग्रामीणों का कहना है कि पिछले पांच साल में इससे पहले भी वे कई अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन न तो कभी किसी अफसर ने उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई की और न ही सरकारी दस्तावेजों मे उन्हें मृत दर्शाने वाले ग्राम सचिव पर कोई ठोस कार्यवाही की। डीएम महोबा ने अब इन्हें भ्रष्ट पंचायत सचिव पर कड़ी कार्रवाई करने और सरकारी कागजों में दर्ज उनके मृत नामों को पुनः जीवित दर्शाने का आश्वासन दिया है।