अयोध्या का मास्टर प्लान सफल हो गया तो यह शहर यरुशलम और वेटिकन सिटी जैसा भव्य होगा!
Master Plan of Ayodhya: राम नगरी अयोध्या ! राजा दशरथ की नगरी और फिर प्रभु श्रीराम के वंशजों की नगरी अयोध्या को भला कौन नहीं जानता ! इस धरा पर जहां-जहां ईश्वर अवतरित हुए हैं, अयोध्या उनमें से एक है और जहां सत्य और मर्यादा हो उस नगरी के क्या कहने ! पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है। अयोध्या (Ayodhya) के किनारे बहती पतित पावन सरयू नदी की अपनी कहानी है। जहां भगवान श्रीराम की कहानी आती है वहीं बरबस सरयू भी सामने प्रकट हो जाती है। सरयू के बिना अयोध्या कैसा? और अयोध्या के बिना सरयू की पहचान कैसी? पौराणिक इतिहास से लेकर मौजूदा इतिहास को देखें तो लगता है कि ईश्वर ने वहीं अपना अवतार लिया है जहां नदियां बहती हो। नदियां ही संस्कृति की वाहक होती है। यहीं से सभ्यता का निर्माण होता है। नदियों के किनारे बेस गांव कस्बे और शहर आज भी जीवंत हैं। उनकी अलग पहचान है, अलग इतिहास भी।
देश की बात छोड़ दीजिये, दुनिया के धार्मिक शहरों और स्थलों को पढ़िए तो पता चलता है कि जहां नदियां हैं वहीं ईश्वर का पदार्पण है। उनका वास है। उनकी पहचान है। चाहे आप जिस धर्म को मानते हो, जिस रूप में ईश्वर की साधना करते हो, वह साधना स्थल नदियों के किनारे के बिना संपन्न ही नहीं होता। ऐसे ही शहरों में शुमार है अयोध्या। वहीं रामनगरी अयोध्या, जिसके कण कण में प्रभु राम की लीला समाई हुई है।
लेकिन अब अयोध्या (Ayodhya) पहले वाला नहीं रहा। प्रभु राम का यहां विश्व प्रसिद्ध मंदिर ही नहीं बन रहा है। अयोध्या को भी दुनिया के उन धार्मिक शहरों जैसा बनाया जा रहा है जिसकी तुलना आप वेटिकन सिटी और यरुशलम से कर सकते हैं। जिस तरह के अयोध्या का मास्टर प्लान तैयार किया गया है अगर यह प्लान मूर्त रूप ले लेता है तो अयोध्या की तस्वीर ही बदल जाएगी। अयोध्यावासी भी कहने लगेंगे कि सचमुच भगवान राम यहां विराजमान हैं।
अयोध्या में एक तरफ प्रभु राम के भव्य मंदिर का निर्माण चल रहा है तो दूसरी तरफ अयोध्या को राम राज की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। ऐसा शहर जिसके भीतर घुसते ही लगे कि किसी धार्मिक और संपन्न शहर में आ गए। चारों तरफ धर्म की जयकार, चारों तरफ धार्मिक अनुष्ठान और चारों तरफ सम्पन्नता। अयोध्या को आधुनिक बनाने के लिए मास्टर प्लान बनाये गए हैं। यह 32 हजार करोड़ का मास्टर प्लान है। इस मास्टर प्लान के तहत अयोध्या को वेटिकन सिटी और यरुशलम जैसा बनाने की योजना है। जानकार कह रहे हैं कि अयोध्या को सबसे विकसित धार्मिक शहर बनाने के लिए एक्सपर्ट लगातार वेटिकन सिटी और यरुशलम का दौरा भी कर रहे हैं। कई योजनाओं को यहां लागू करने की तैयारी है ताकि लगे की प्रभु राम की नगरी में कोई कमी नहीं।
अयोध्या को विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन शहर बनाए जाने की योजना है। इस योजना पर कई एक्सपर्ट काम कर रहे हैं विदेशी धार्मिक जगहों की यात्रा की जा रही है और वहां की विशेषता को तस्वीरों के माध्यम से कैद किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि अयोध्या का मास्टर प्लान जो अयोध्या विजन 2047 है उसके मुताबिक अयोध्या को वेटिकन सिटी, यरुशलम, अंकोरवाट, पशुपति नाथ, नासिक स्थित साईं मंदिर, तिरुमाला तिरुपति और सिद्धि विनायक जैसे राष्ट्रीय तीर्थ स्थलों का भी अध्ययन किया जा रहा है। मकसद एक ही है भव्य प्रभु राम मंदिर की तरह ही उनका शहर भी दुनिया का सबसे भव्य ही दिखें।