बेंगलरु: भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत को सोमवार को एक स्थानीय नेता पर टिप्पणी करना महंगा पड़ गया। स्थानीय नेता ने समर्थकों ने टिकैत से साथ बदसलूकी करते हुए उन पर काली स्याही फेंक कर उनका मुंह काला कर दिया। इन नेताओं ने टिकैत के साथ तो मारपीट नहीं की, लेकिन उनके समर्थकों में जमकर मारपीट और एक दूसरे पर कुर्सियां फेंकी गयीं।
यह घटना यहां प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में हुई। राकेश टिकैत यहां बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने पहुंचे थे। जब टिकैत से पूछा गया कि स्थानीय नेता चन्द्रशेखर के एक स्टिंग का हवाला देते हुए कहा कि उन्होने स्वीकार किया था कि वे पैसे लेकर सरकार के खिलाफ धरने प्रदर्शन करते हैं। हमारा किसानों की समस्याओं का समाधान करने से ज्यादा फोकस पैसे लेकर मुद्दों को उठाने में होता है।
इस पर सफाई देते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि उस नेता का उनके दल के कोई लेना देना नहीं है। वह अपने निजी फायदे के लिए केवल उनका नाम इस्तेमाल करके उनको बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। यह सुनकर स्थानीय नेता चन्द्रशेखर के समर्थक भड़क गये और उन्होने हंगामा शुरु कर दिया। इसी बीच एक व्यक्ति राकेश टिकैत के पास पहुंचा और उनका मुंह काला करने के इरादे से काली स्याही फेंक दी।
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इसके बाद टिकैत समर्थकों और स्थानीय नेता चन्द्रशेखर समर्थकों में जमकर कुर्सियां चलीं। किसी तरह मामला शांत होने पर टिकैत ने मीडिया से बातचीत में कर्नाटक सरकार पर आरोप लगाया कि ये सारा प्रकरण सरकार की मिली भगत से हुआ है। उन्होने कहा कि स्थानीय पुलिस को सुरक्षा के प्रबंध करने चाहिए थे। आज की बदसलूकी से टिकैत की समझ में आ गया है कि उनके अच्छे दिन अब खत्म हो चुके हैं।