नई दिल्ली/कोलंबो(Colombo): भारत के पडौसी देश श्रीलंका (Sri Lanka) में उग्र प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को प्रधानमंत्री राजपक्षे (Rajpakshe) के आवास, दफ्तर और दो सरकारी टीवी चैनलों पर कब्जा कर लिया। प्रदर्शनकारियों ने स्वयं कैमरे के सामने आकर सरकारी टीवी पर प्रसारण करते हुए सरकार को बदले जाने की अपील की। हालांकि बाद में इन दोनों सरकारी टीवी चैनलों पर प्रसारण रोक दिया गया है। कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने आपात काल की घोषणा की है।
दूसरी तरफ हजारों लोगों की बगावती भीड़ ने सेना के जवानों से टक्कर लेते हुए कोलंबो में प्रधानमंत्री के दफ्तर पर प्रदर्शनकारियों ने पूरी तरह से कब्जा कर लिया। प्रदर्शनकारी श्रीलंका का झंडा लेकर प्रधानमंत्री आवास के छतों पर चढ गये और वहां उन्होने श्रीलंका का झंडा फहराते हुए कहा कि वे अपने देश में नई सरकार का गठन चाहते हैं। कुल मिलाकर श्रीलंका की जनता वहां के राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास और दफ्तर से साथ-साथ दो सरकारी टीवी चैनलों पर कब्जा करने से साफ अनुमान लगाया जा सकता है कि वहां के हालात कितने भयावह हो चुके हैं।
पिछले कई दिन के श्रीलंका के हालात लगातार बद से बदतर होते जा रहे हैं। सरकार और सेना उग्र प्रदर्शनकारियों के सामने पूरी तरह लाचार है। श्रीलंका की जनता चाहती है कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे खुद टीवी चैनल पर आकर अपना इस्तीफा देने की घोषणा करें और देश की इस खराब हालात में लाने के लिए देशवासियों से माफी मांगें। इसी बीच श्रीलंका की राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए अमेरिका ने फिलहाल दो दिन के लिए श्रीलंका में अपनी राजनीयिक सेवाएं स्थित कर दी हैं।
उधर दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे अपने देश श्रीलंका से सेना के एक हेलीकाप्टर से भागकर मालद्वीप गये हैं, उन्हें वहां इथाफुसी के एक रिजोर्ट में देखे जाने की बात कही जा रही है। सूत्रों का दावा है कि गोटबाया राजपक्षे मालद्वीप से सिंगापुर जा सकते हैं। फिलहाल भारी आर्थिक संकट और आवश्यक चीजों तक की कमी से जूझ रहे श्रीलंका के निकट भविष्य में सुधार के कोई संकेत नज़र नहीं आ रहे हैं।