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हमास-इजरायल के बीच जारी जंग में रूस ने यूक्रेन पर कर दिया सबसे बड़ा हमला, विश्व युद्ध छिड़ना तय!

Russia-Ukraine War:एक तरफ इजरायल हमास के बीच में जंग छिड़ी हुई है, तो वहीं दूसरी ओर रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला कर दिया है। जी हां शनिवार को जब कीव के लोग अपने घरों में सो रहे थे, तभी ये ड्रोन्स उनपर कहर बनकर बरसने लगे। पिछले 21 महीनों से जारी जंग में आज तक कभी रूस ने इतना बड़ा ड्रोन हमला नहीं किया था, .मगर शनिवार की सुबह पुतिन ने जो किया उससे एक बार फिर रूस-यूक्रेन की ये जंग सुर्खियों में वापस आ गई।

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जब सुबह सूरज की पहली किरण आई तब इस हमले से हुए नुकसान का आंकलन किया गया। किसी के घर का शीशा टूटा।कीव के मेयर ने बताया कि इस हमले में 5 लोग घायल हुए, घायलों में 11 साल की बच्ची भी शामिल है। कई बिल्डिंग्स को नुकसान पहुंचा है, ड्रोन के टुकड़ों से बच्चों के नर्सरी में भी आग लग गई। हालंकि, इन हमलों का टारगेट अभी तक क्लीयर नहीं हुआ।मगर यूक्रेन को इसका पहले से ही अंदाजा था कि यूक्रेन को आशंका थी कि पिछली बार की तरह इस बार भी ठंड का सीजन आते ही रूस। उसके एनर्जी सिस्टम को तबाह करने की कोशिश करेगा और उसके लिए हवाई हमलों का सहारा लिया जाएगा और उम्मीद के मुताबिक ऐसा ही हुआ। रूस ने कीव के कई इलाकों पर बम गिराए, इस दौरान करीब 6 घंटों तक हवाई हमले का सायरन बजता रहा

भले ही दुनिया ने यूक्रेन से मुंह मोड़ लिया हो, मगर वहां रहने वाले लोगों को अंदाजा है कि पुतिन इस वक्त कुछ भी कर सकते हैं। इसलिए ये लोग हमेशा खुद के बचाव की तैयारी में रहते हैं। एक महिला ने बताया कि किस तरह ये लोग घर में तैयार होकर बैठते हैं। ताकि जैसे ही हमला हो ये तुरंत वहां से भाग सकें। अपने लोगों पर हुए इस घातक हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेंलेंस्की ने पहली बार जब बयान दिया। तब उन्होंने रूस का जिक्र किये बिना कीव के एयर डिफेंस पर बात की और यूक्रेन के आसमान को सुरक्षित रखने पर जोर दिया।

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दरअसल, आपको बता दें कि विश्व युद्ध 2 के बाद जब जर्मनी ने सोवियत संघ के सामने सरेंडर किया था। उस समय हिटलर की सेना के पास बाल्टिक सी में गाड़ दिया गया था। मगर NATO के देश उन हथियारों को खोजने की तैयारी में हैं। केमिकल जखीरे को ढ़ूढ़ने के लिए बाल्टिक सी में बड़ा खोजी अभियान शुरू होने जा रहा है। यानी जो काम वर्ल्ड वॉर 2 के वक्त नहीं हुआ, क्या वो अब होने वाला है ? अगर हिटलर का ये विध्वंसक जखीरा नाटो को मिला तो रूस के लिए अमेरिका से जीतना नामुमकिन हो जाएगा। इस बात की पूरी संभावना है कि अभी भी कोई देश उन हथियारों पर कब्जा कर सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 80 साल पहले समंदर में 150 से 300 जगहों पर केमिकल हथियार डूबोए गए थे। ये हथियार रूस-यूक्रेन युद्ध में हार जीत का फैसला कर सकते हैं। हालंकि पुतिन भी आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं। 10 दिनों पहले ही दक्षिणी सीमा के पास रूस ने अपनी न्यूक्लियर मिसाइल को तैनात किया है।रूस के रक्षा मंत्री ने नाटो देशों को चेताया भी था

Shubham Pandey। Uttar Pradesh Bureau

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