Lok Sabha Election : बिहार और महाराष्ट्र में महागठबंधन की राजनीति से परेशान संघ (RSS )को लग रहा है कि अगर बीजेपी के लिए कोई नया द्वार नहीं खोला गया तो आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में काफी मुश्किलें हो सकती है। बीजेपी हालांकि सबकुछ ठीक है के नारों के साथ आगे बढ़ती दिख रही है और पार्टी को अभी भी लगता है कि पीएम मोदी के इकबाल के सामने सारे खेल ख़त्म हो सकते हैं। लेकिन संघ के लोग ऐसा नहीं मानते।
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संघ (RSS ) हर जगह समय -समय पर लोगों का फीड लेता रहता है और सर्वे भी कराते रहता है। संघ को अगले चुनाव (Lok Sabha Election) में क्या हो सकता है इसकी जानकारी पहले से ही हो गई है। यही वजह है कि संघ इस बार तमिलनाडु को नई जमीन बनाने को तैयार है। संघ को लग रहा है कि अगर तमिलनाडु में बीजेपी को कुछ लाभ हो जाए तो बिहार और महाराष्ट्र की थोड़ी भरपाई हो सकती है।
आरएसएस (RSS ) के अखिल भारतीय प्रान्त प्रचारक की तीन दिवसीय बैठक इस बार तमिलनाडु के ऊटी में की जा रही है। यह बैठक 13 जुलाई से 15 जुलाई तक होगी। इस बात की जानकारी संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने दी है अपने बयान में उन्होंने कहा है कि तमिलनाडु के कोयंबटूर के निकट ऊटी में इस बार 13 से 15 जुलाई तक अखिल भारतीय प्रान्त प्रचारकों की बैठक होगी जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा होगी।
संघ का यह बड़ा शिविर होगा। इस बैठक में संघ के सभी बड़े अधिकारी मौजूद रहेंगे। संघ प्रमुख मोहन भागवत ,सभी प्रांतो के प्रान्त प्रचारक, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के साथ ही सह-सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, मनमोहन वैद्य, सीआर मुकुंद, अरुण कुमार और रामदत्त मुख्य रूप से शामिल होंगे। इसके साथ ही सभी प्रांतों के प्रान्त सह प्रचारक, क्षेत्र प्रचारक और सह क्षेत्र प्रचारकों की भी मौजूदगी रहेगी। खबर ये भी है कि इस बैठक में संघ से जुड़े सभी संगठनों के भी संगठन मंत्री होंगे और संघ के सभी कार्यों की समीक्षा करेंगे। शाखा के स्तर पर देश भर में क्या कुछ प्रगति हुई है इस पर भी चर्चा होगी।
लेकिन आंतरिक खबरे ये भी आ रही है कि संघ की इस बैठक में मूल रूप से तमिलनाडु को बीजेपी के लिए कैसे साधा जाए इस पर भी मंथन होगा। संघ को लग रहा है कि तमिलनाडु को साधा जा सकता है और बीजेपी के लिए जमीन भी तैयार की जा सकती है। लेकिन चूंकि अब समय बहुत ही कम रह गया है, ऐसी हालत में तमिलनाडु में बीजेपी के लिए जो भी कुछ हो सकता है, संघ मैदान तैयार करेगा।
तमिलनाडु में बीजेपी की हार के बाद दक्षिण के राज्यों से बीजेपी की विदाई लगभग तय हो गई है। तमिलनाडु में डीएमके और अन्नाद्रमुक के बीच राजनीति चलती है। संघ को लग रहा है कि अन्नाद्रमुक के साथ मिलकर ही बीजेपी कुछ कर सकती है और बीजेपी इस दिशा में आगे बढ़ भी रही है। जब उत्तर भारत से बीजेपी को बहुत बड़ा झटका मिलता दिख रहा है, ऐसे में तमिलनाडु में संघ की यह बैठक बीजेपी के लिए काफी अहम है।