15 अगस्त 1947 का दिन भारत के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज है। इसी दिन भारत ने ब्रिटिश शासन से आजादी पाई थी, और तब से हर साल यह दिन पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस ऐतिहासिक दिन के पीछे अनगिनत वीर सपूतों का लंबा और कठिन संघर्ष रहा है। उन वीर योद्धाओं ने अपने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां एक स्वतंत्र और सम्मानित जीवन जी सकें। यह दिन उन सभी शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित है जिन्होंने हमारे वतन को आजाद कराने के लिए अपने जीवन की आहुति दी।
अन्य देश भी मनाते हैं 15 अगस्त को स्वतंत्रता का पर्व
भारत के साथ-साथ 15 अगस्त को कई अन्य देश भी अपनी आजादी का जश्न मनाते हैं। यह दिन इन देशों के लिए भी अत्यधिक महत्व रखता है, क्योंकि उन्होंने भी अपने संघर्ष और बलिदान के माध्यम से स्वतंत्रता प्राप्त की।
दक्षिण कोरिया: जापानी कब्जे से मुक्ति
दक्षिण कोरिया भी 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है, जिसे “ग्वांगबोकजे” कहा जाता है। इस दिन कोरिया ने 1945 में जापानी कब्जे से मुक्ति पाई थी। इस दिन कोरिया के लोग अपने देश की स्वतंत्रता और राष्ट्रीय पहचान को सम्मानित करते हैं।
कांगो: फ्रांसीसी शासन से आजादी
अफ्रीकी देश कांगो ने भी 15 अगस्त 1960 को फ्रांसीसी उपनिवेश से आजादी प्राप्त की थी। कांगो इस दिन को अपनी राष्ट्रीय स्वतंत्रता के रूप में मनाता है, जो उन्हें वर्षों के संघर्ष और आंदोलन के बाद प्राप्त हुई थी।
लिकटेंस्टीन: राष्ट्रीय दिवस
यूरोपीय देश लिकटेंस्टीन भी 15 अगस्त को अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है। हालांकि यह दिन स्वतंत्रता दिवस के रूप में नहीं मनाया जाता, लेकिन यह देश के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनके संप्रभुता और राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक है।
15 अगस्त: स्वतंत्रता का प्रतीक
15 अगस्त न केवल भारत बल्कि अन्य देशों के लिए भी स्वतंत्रता का प्रतीक है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता एक अनमोल उपहार है, जिसे पाने के लिए अनगिनत लोगों ने संघर्ष किया है। यह दिन हमें प्रेरित करता है कि हम उन सभी वीरों को याद करें जिन्होंने अपने देशों की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और हमें यह सिखाता है कि हमें अपनी स्वतंत्रता का सम्मान और उसकी रक्षा करनी चाहिए।