SAARC VISA EXEMPTION: भारत ने सार्क वीजा योजना रद्द की, पहलगाम आतंकी हमले के बाद लिया कड़ा फैसला
भारत ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा कारणों से SAARC वीजा छूट योजना को रद्द कर दिया है। यह योजना 1992 में क्षेत्रीय सहयोग और वीजा मुक्त यात्रा के उद्देश्य से शुरू की गई थी। अब सार्क देशों के सभी नागरिकों को भारत आने के लिए वीजा लेना अनिवार्य होगा।
SAARC VISA EXEMPTION: पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सार्क (SAARC) वीजा छूट योजना को रद्द करने का फैसला किया है। इस योजना के तहत दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के सदस्य देशों के कुछ विशेष श्रेणियों के नागरिकों को वीजा मुक्त यात्रा की सुविधा दी जाती थी। हालांकि, सुरक्षा खतरों को देखते हुए भारत ने इस योजना को वापस ले लिया है।
क्या है सार्क वीजा योजना?
सार्क वीजा छूट योजना (SAARC Visa Exemption Scheme) की शुरुआत वर्ष 1992 में की गई थी, जिसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच पारस्परिक सहयोग, सांस्कृतिक संबंधों और व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना था। इस योजना के तहत सार्क के आठ सदस्य देशों (भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, भूटान और मालदीव) के कुछ खास श्रेणियों के लोगों को वीजा की जरूरत नहीं होती थी।
इस योजना का लाभ निम्नलिखित श्रेणियों के लोगों को मिलता था:
- राजनयिक और सरकारी अधिकारी – सार्क देशों के राजनयिकों और उच्च स्तरीय अधिकारियों को वीजा मुक्त यात्रा की अनुमति थी।
- संसद सदस्य – सार्क देशों के संसद सदस्य इस योजना के तहत वीजा मुक्त यात्रा कर सकते थे।
- सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज – न्यायिक प्रतिनिधियों को भी इसका लाभ मिलता था।
- विशिष्ट श्रेणी के लोग – कुछ खास पेशेवरों, जैसे कि वरिष्ठ पत्रकार, प्रोफेसर और व्यापारिक प्रतिनिधियों को भी छूट दी गई थी।
पहलगाम हमले के बाद क्यों रद्द हुई योजना?
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भीषण आतंकी हमला हुआ, जिसमें कई सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। इस हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों का हाथ होने की आशंका जताई गई। इस घटना के बाद भारत सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने का फैसला किया।
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सरकार को आशंका है कि सार्क वीजा योजना का दुरुपयोग करके आतंकी या अवैध घुसपैठिए भारत में प्रवेश कर सकते हैं। खासकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले लोगों पर नजर रखना मुश्किल होता है, इसलिए यह योजना रद्द कर दी गई।
क्या होगा अब?
अब सार्क देशों के सभी नागरिकों को भारत आने के लिए वीजा लेना अनिवार्य होगा, चाहे वे किसी भी श्रेणी से संबंधित हों। भारत सरकार का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है।
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अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस फैसले पर सार्क के कुछ देशों ने नाराजगी जताई है। पाकिस्तान ने इसे “क्षेत्रीय सहयोग के खिलाफ कदम” बताया है, जबकि नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों ने भारत से इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। हालांकि, भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सुरक्षा चिंताओं के कारण यह फैसला अंतिम है।
सार्क वीजा योजना का उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाना था, लेकिन आतंकी खतरों के कारण भारत को इसे रद्द करना पड़ा। अब सभी सार्क देशों के नागरिकों को भारत आने के लिए वीजा प्रक्रिया से गुजरना होगा। यह फैसला देश की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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