India Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में $6.6 अरब की बढ़त, पांच महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचा भारत
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में $6.6 अरब की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे यह पांच महीने के उच्चतम स्तर $665.4 अरब पर पहुंच गया है। यह वृद्धि देश की आर्थिक स्थिरता और निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा भंडार प्रबंधन में की जा रही सतर्क नीतियाँ भी इस मजबूती का मुख्य कारण हैं।
India Forex Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में एक बार फिर उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। हाल ही में समाप्त हुए सप्ताह में यह भंडार $6.6 अरब की वृद्धि के साथ लगभग $665.4 अरब के स्तर पर पहुंच गया है, जो पिछले पांच महीनों में सबसे ऊंचा आंकड़ा है। रिज़र्व बैंक द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है।
विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार सुधार
पिछले कुछ हफ्तों से भारत के फॉरेक्स रिज़र्व में लगातार सकारात्मक रुझान देखने को मिल रहा है। यह लगातार चौथा सप्ताह है जब रिज़र्व में बढ़ोतरी हुई है। इस स्थिरता का मुख्य कारण विदेशी निवेश, मजबूत निर्यात, और वैश्विक बाजार में रुपये की मजबूती माना जा रहा है। इसके अलावा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की सक्रियता ने भी मुद्रा भंडार में योगदान दिया है।
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सोने और विदेशी परिसंपत्तियों में इज़ाफा
रिज़र्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, न केवल विदेशी मुद्रा बल्कि भारत के स्वर्ण भंडार में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आंकड़ों के अनुसार, इस सप्ताह स्वर्ण भंडार में भी सैकड़ों मिलियन डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे यह कुल भंडार में और मजबूती लाता है। इसके साथ ही विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ भी बढ़ी हैं, जो कुल भंडार का बड़ा हिस्सा होती हैं।
रुपये को मिली राहत
इस बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार का सीधा असर रुपये पर भी पड़ा है। डॉलर के मुकाबले रुपये में हालिया दिनों में स्थिरता देखने को मिली है। मार्च में रुपये ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए कई हफ्तों में पहली बार डॉलर के मुकाबले मजबूती हासिल की। विशेषज्ञों का मानना है कि फॉरेक्स रिज़र्व की यह स्थिति रुपये को और समर्थन देगी।
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वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति मजबूत
आर्थिक विशेषज्ञ इस वृद्धि को भारत की वैश्विक अर्थव्यवस्था में मजबूत होती स्थिति का संकेत मानते हैं। उनका कहना है कि विदेशी मुद्रा भंडार में आई यह बढ़त सरकार की आर्थिक नीतियों और आरबीआई की सतर्कता का परिणाम है। इस भंडार का उपयोग भारत आयातों के भुगतान, अंतरराष्ट्रीय कर्ज की अदायगी, और संकट की स्थिति में वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए करता है।
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निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत
फॉरेक्स रिज़र्व की बढ़ती स्थिति न केवल देश के लिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए भी सकारात्मक संकेत है। यह बताता है कि भारत की अर्थव्यवस्था में स्थायित्व है और भविष्य में भी यह विदेशी निवेश को आकर्षित करने में सक्षम रहेगा। मजबूत भंडार से यह भी सुनिश्चित होता है कि वैश्विक अस्थिरता के बावजूद भारत अपनी मुद्रा और आयात आवश्यकताओं को संभाल सकता है।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अब $665 अरब से ऊपर पहुंच चुका है, जो हाल के महीनों की तुलना में बड़ी छलांग मानी जा रही है। यह आर्थिक विकास, वैश्विक विश्वास और मजबूत नीतियों का सम्मिलित परिणाम है। आने वाले समय में अगर यही रुझान बना रहा, तो भारत वित्तीय रूप से और अधिक आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर होगा।
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