Politics news : लोकसभा चुनाव होने जा रहा है जिसमें दोनों ध्रुवो की पूरी इज्जत दव पर लगी हुई है। बीजेपी वाले किसी भी तरह से इस बार के चुनाव में भी जीत हासिल करने को तैयार है जबकि विपक्षी किसी भी सूरत में बीजेपी को सत्ता से हटाने को तैयार है। बीजेपी के पास बड़ा मुद्दा अयोध्या का राम मंदिर मिल गया है। हालांकि मंदिर अभी पूरी तरह से तैयार भी नहीं है लेकिन समय से पहले ही उसका उद्घाटन 22 जनवरी को किया जा रहा है। देश के बहुत से साधू संत और सनातनी लोग इससे नाराज भी हैं और खास कर देश के चारो पीठ के शंकराचार्य काफी नाराज भी बताये जा रहे हैं। शंकराचार्यों का कहना है कि अर्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन अभी नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही संत समाज यह भी कह रहा है कि भगवान श्री राम के लिए सबसे शुभ दिन रामनवमी है जिस दिन उनकी जन्म तारीख को मनाया जाता है और पूरे भारत में सनातन धर्म के लोग इसे पावन पर्व के रूप में मनाते हैं। बेहतर होता कि मंदिर का उद्घाटन रामनवमी को ही किया जाता और इस बीच मंदिर भी बनकर तैयार हो जाता। लेकिन रामनवमी मार्च महीने में होता है और बीजेपी को भय है कि अगर इस बीच चुनावी आचार संहिता लागू कर दी गई तो उसका गेम खराब हो सकता है।
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इन तीन महीनो के भीतर ही लोगों को राममय करके चुनाव को अपने पक्ष में करने को तैयार है। जानकर भी मान रहे हैं कि इस मंदिर का लाभ बीजेपी को लेना है और उसे लाभ भी मिलेगा। लेकिन बीजेपी सिर्फ मंदिर के सहारे ही नहीं खड़ी है। सरकार की जाँच एजेंसियां भी तैयार है। देश के दो मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री कब जेल में डाले जाये यह कोई नहीं जनता। बीजेपी किसी भी सूरत में केजरीवाल को शारब घोटाले में जेल में पहुँचाने को तैयार है। इसके साथ ही झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को भी जेल में पहुंचाने की बात की जा रही है। उधर कर्नाटक के डिप्टी सीएम शिवकुमार और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की भी घेराबंदी जांच एजेंसियां कर रही है। उधर आज पटना में राजद नेता मनोज झा ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि तीन चार महीने तक ईडी, इनको टैक्स और सीबीआई विपक्ष को काफी तबाह करेगी। हर तरह से घेरेगी लेकिन विपक्ष इसके लिए तैयार है। हाँ तैयारी के साथ इसका मुकाबला करेंगे और चुनाव में जायेंगे। झा से साफ़ तौर पर कहा है कि जांच एजेंसियों के कई अधिकारीयों ने उन्हें इस बात की जानकारी दी है कि कई नेताओं के खिलाफ जान एजेंसियां सक्रिय होने वाली है।
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उन पर काफी दबाब भी है। आगे क्या होगा यह कोई नहीं जानता लेकिन देश के भीतर भूचाल तो होगा ही। मकसद एक ही है कि विपक्षी को बदनाम करके बीजेपी जनता के सामने जायेगी। झा ने भविष्यवाणी भी की। 22 जनवरी तक विपक्ष के कई नेताओं के यहाँ जान एजेंसियों के बड़े छापे पद सकते हैं। बिहार ,झारखंड ,दिल्ली ,बंगाल और महाराष्ट्र के कई नेता इसके जाल में फंस सकते हैं। बीजेपी का मकसद इन नेताओं को उलझाने की है ताकि चुनाव में अधिक से अधिक लाभ लिया जा सके। अगर बीजेपी अपने मकसद में सफल होती है तो आगामी चुनाव में उसे कोई हरा नहीं सकता। ऐसे में सभी विपक्षी दलों को एक साथ इसका मुकाबला करने की जरूरत है