Iran-Israel Conflict: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ता तनाव कैसे खत्म होगा, इसका जवाब खुद ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने दिया है। राष्ट्रपति पेजेशकियन ने संकेत दिया है कि अगर इजरायल गाजा में युद्ध विराम की घोषणा करता है तो इससे ईरान का गुस्सा कम हो सकता है।
ईरान एक बार फिर इजरायल पर जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ईरान अमेरिकी चुनाव से पहले इजरायल पर हमला कर सकता है। इसलिए अगले 24 घंटे काफी अहम होने वाले हैं।
‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ की तैयारी
दरअसल, 26 अक्टूबर को इजरायल ने ईरान के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था, यह हमला ईरान द्वारा 1 अक्टूबर को किए गए हमले का जवाब था। जहां अमेरिका और इजरायल ईरान को दोबारा हमला न करने की चेतावनी दे रहे हैं, वहीं ईरान ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस थ्री’ की तैयारी में जुटा है।
ईरान ने 1 अक्टूबर के हमले को हमास प्रमुख इस्माइल हनीया, हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह और आईआरजीसी कमांडर निलफोरुशन की हत्या का बदला बताया था। इसलिए ईरान का मानना है कि 26 अक्टूबर को इजरायल का हमला उसकी क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन है।
ईरान ने बताया कैसे कम होगा तनाव?
हालांकि, राष्ट्रपति पेजेशकियन ने अपने बयान के जरिए संकेत दिया है कि ईरान इजरायल के साथ युद्ध नहीं चाहता है, बल्कि लेबनान और गाजा में युद्ध विराम चाहता है। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना के मुताबिक, पेजेशकियन ने कहा है, ‘अगर इजरायल अपने व्यवहार पर पुनर्विचार करता है, युद्ध विराम स्वीकार करता है और क्षेत्र में निर्दोष पीड़ितों का नरसंहार बंद कर देता है, तो इससे ईरान की प्रतिक्रिया की तीव्रता और प्रकार पर असर पड़ सकता है। पेजेशकियन ने कहा कि हम ईरान की क्षेत्रीय संप्रभुता और सुरक्षा के खिलाफ किसी भी आक्रामकता का जवाब दिए बिना नहीं छोड़ेंगे।
मुंहतोड़ जवाब मिलेगा- सुप्रीम लीडर
दूसरी ओर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल को मुंहतोड़ जवाब देने की कसम खाई है। खामेनेई ने कहा है कि हमारे दुश्मनों, अमेरिका और यहूदी प्रशासन दोनों को यह जान लेना चाहिए कि ईरान और प्रतिरोध मोर्चे के खिलाफ उन्होंने जो किया है, उसका उन्हें मुंहतोड़ जवाब जरूर मिलेगा। सर्वोच्च नेता ने यह बयान शनिवार को कुछ विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए दिया।
जवाबी कार्रवाई की दी इजराइल ने चेतावनी
हमास और हिजबुल्लाह के साथ इजरायल के युद्ध के बीच ईरान के साथ भी तनाव चरम पर है। इजरायल ने ईरान को चेतावनी भी दी है कि अगर तेहरान ने अब अपनी गलती दोहराई तो वह उन ठिकानों को निशाना बनाएगा जिन्हें 26 अक्टूबर के हमले में जानबूझकर छोड़ा गया था। दरअसल, इजरायल ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाने की तैयारी कर रहा था लेकिन उसे इस मामले में अमेरिका का साथ नहीं मिला जिसके बाद उसने ईरान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।