Donald Trump Attack News: क्या डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमला ईरान ने किया था? अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमले की कोशिश से कई सप्ताह पहले ही ईरान के बारे में जानकारी बिडेन प्रशासन को भेज दी गई थी।
जहां बीते शनिवार को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Former President Donald Trump ) पर एक चुनावी सभा में हमला हुआ था। वहीं इस घटना के आज 3 दिन बीतने के बाद भी इससे जुड़ी नई जानकारी सामने आ रही है। ट्रंप के ऊपर हुए हमले में अब अमेरिका के कट्टर दुश्मन ईरान (Iran) का नाम भी जुड़ रहा है।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की कोशिश से पूरी दुनिया हिल गई है। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है कि अमेरिकी अधिकारियों को पिछले कुछ हफ्तों में राष्ट्रपति ट्रंप की हत्या की ईरान की साजिश के बारे में पता चला है। जिसके बाद अमेरिकी सीक्रेट सर्विस ने ट्रंप के इर्द-गिर्द सुरक्षा कड़ी कर दी है। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक इस बात का कोई संकेत नहीं मिला है कि शनिवार को ट्रंप पर हमला करने वाला हमलावर थॉमस मैथ्यू क्रुक्स इस साजिश से जुड़ा था। शनिवार को ट्रम्प पर हुए हमले ने, एक विरोधी देश से खतरे और उनके लिए बढ़ी हुई सुरक्षा के बावजूद, सुरक्षा उल्लंघनों के बारे में नई चिंताओं को उजागर किया है।
हमलावर ट्रंप तक कैसे पहुंचा, यह अभी भी रहस्य बना हुआ है। अमेरिकी सीक्रेट सर्विस मौजूदा और पूर्व राष्ट्रपतियों को सुरक्षा प्रदान करती है। ट्रंप पर हुए हमले की जांच अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (FBI) कर रही है। अभी तक उसने हमले से जुड़े मकसद को साझा नहीं किया है। एक अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी ने शनिवार की रैली से पहले ट्रम्प अभियान और सीक्रेट सर्विस को इस खतरे के बारे में सूचित किया था।
ईरान से ट्रंप को जान का खतरा
ट्रंप के चुनाव अभियान ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि उसे ईरान से जुड़े खतरे के बारे में पता था या नहीं। ट्रंप कैंपेन ने एक बयान में कहा, ‘हम राष्ट्रपति ट्रंप की सुरक्षा डिटेल पर टिप्पणी नहीं करते हैं। सभी सवाल यूनाइटेड स्टेट्स सीक्रेट सर्विस से होने चाहिए।’ मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों ने ट्रंप कैंपेन को बाहर रैली आयोजित करने के खिलाफ बार-बार चेतावी दी है। सूत्रों के अनुसार, कई सप्ताह पहले जब अधिकारियों को ईरानी योजना के बारे में पता चला तो उन्होंने ट्रम्प की सुरक्षा बढ़ा दी थी।
ईरान अमेरिका का दुश्मन
ईरान, इजरायल के साथ-साथ अमेरिका को भी अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है। वह उसे ताकतवर शैतान कहता है। ट्रंप समेत अन्य रिपब्लिकन ईरान के खिलाफ आक्रामक रहे हैं। इसी कारण लंबे समय वह इसके निशाने पर रहे हैं। पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन और पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भी ईरानी हत्या की साजिश का निशाना बने थे। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NCC) ने सीक्रेट सर्विस को खुफिया डेटा उपलब्ध कराया था।