Israel Hamas War: हमास से ‘दोस्ती’ मंजूर नहीं! क्या डील से हिल रही है नेतन्याहू की गद्दी?
नेतन्याहू सरकार के कई मंत्री हमास के साथ संघर्ष विराम समझौते से नाखुश हैं और अपना विरोध स्पष्ट रूप से व्यक्त कर रहे हैं। हमास और इजरायल सरकार के बीच हुए संघर्ष विराम समझौते के विरोध में इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्वीर ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है।
Israel Hamas War: 15 महीने बाद हमास और इजरायल के बीच युद्ध विराम समझौता हो गया है, लेकिन जहां एक तरफ युद्ध विराम की शुरुआत हो गई है, वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नेतन्याहू की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। जिस तरह से नेतन्याहू सरकार के मंत्री इस डील के खिलाफ खड़े हैं, उससे साफ है कि इस डील का असर नेतन्याहू की गद्दी पर पड़ सकता है।
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नेतन्याहू सरकार के कई मंत्री हमास के साथ संघर्ष विराम समझौते से नाखुश हैं और अपना विरोध स्पष्ट रूप से व्यक्त कर रहे हैं। हमास और इजरायल सरकार के बीच हुए संघर्ष विराम समझौते के विरोध में इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्वीर ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है।
बढ़ सकती हैं नेतन्याहू की मुश्किलें
राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्वीर ही नहीं बल्कि उनकी राष्ट्रवादी-धार्मिक पार्टी ओत्ज़मा येहुदित के दो और मंत्रियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। इसके साथ ही ओत्ज़मा येहुदित पार्टी ने नेतन्याहू की गठबंधन सरकार से अपना समर्थन भी वापस ले लिया है। इन इस्तीफ़ों के बाद नेतन्याहू के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में तनाव बढ़ गया है। अगर गठबंधन सरकार के मंत्री अपना समर्थन वापस लेते हैं तो इससे नेतन्याहू की गद्दी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
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ओत्ज़मा येहुदित पार्टी ने युद्ध विराम समझौते की आलोचना करते हुए इसे “हमास के सामने आत्मसमर्पण” बताया। पार्टी ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि यह “सैकड़ों हत्यारों की रिहाई” है। पार्टी ने दावा किया कि इसने गाजा में इजरायली सेना की उपलब्धियों को कम कर दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री के इस्तीफे के बावजूद, नेतन्याहू ने इजरायली संसद में थोड़ा बहुमत बरकरार रखा है। हालाँकि ओत्ज़मा येहुदित पार्टी अब सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा नहीं है, लेकिन उसने कहा है कि वह नेतन्याहू की सरकार को गिराने की कोशिश नहीं करेगी।
नेतन्याहू सरकार को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा?
मंत्री के इस्तीफे से निश्चित रूप से नेतन्याहू की गठबंधन सरकार कमजोर हुई है। अगर बेन-ग्वीर की तरह अन्य दक्षिणपंथी सांसद भी सरकार से नाता तोड़ लेते हैं, तो प्रधानमंत्री अपना बहुमत खो सकते हैं, जिससे संभावित रूप से समय से पहले चुनाव हो सकते हैं। इतामार बेन-ग्वीर के समर्थन के बाद ही नेतन्याहू प्रधानमंत्री बन सकते हैं। ऐसे में आशंका है कि उनके इस्तीफे के बाद नेतन्याहू का प्रधानमंत्री पद भी खतरे में पड़ सकता है।
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इजरायल और हमास के बीच 16 जनवरी 2025 को युद्ध विराम के लिए सहमति बनी थी। इसके बाद रविवार यानी 19 जनवरी से दोनों के बीच युद्ध विराम शुरू हो गया और धीरे-धीरे लोगों को रिहा करने का काम किया जा रहा है। इस युद्ध विराम से पिछले 15 महीनों से चल रही हिंसा पर लगाम लगी है। हमास और इजरायल के बीच युद्ध 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था, जिसके बाद लगातार हो रहे हमलों में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए। इस युद्ध के कारण गाजा में भारी तबाही मची है। हमास और इजरायल के बीच यह युद्ध विराम अंतरराष्ट्रीय दबाव और कई देशों और संगठनों के लगातार प्रयासों के बाद हुआ है।
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