Jagdeep Dhankhar Resign: जगदीप धनखड़ के भतीजे ने उनकी सेहत को लेकर किया बड़ा खुलासा, बताई पूरी सच्चाई
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे की देशभर में चर्चा हो रही है। उनके पैतृक गाँव किठाना में मातम पसरा है। भतीजे हरेंद्र धनखड़ ने बताया कि स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हाल ही में उपराष्ट्रपति की तबीयत बिगड़ गई थी। हालांकि, किसी को भी उनके इस्तीफे की उम्मीद नहीं थी।
Jagdeep Dhankhar Resign: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। हर कोई उनके फैसले से स्तब्ध है। इस्तीफे की खबर के बाद धनखड़ के पैतृक गांव किठाना गांव के लोग स्तब्ध हैं। खबर के बाद से पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। ग्रामीण फोन के जरिए एक-दूसरे को इस्तीफे की अचानक आई खबर की पुष्टि करने में जुटे हैं।
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धनखड़ के भतीजे हरेंद्र धनखड़ ने बताया कि उनके इस्तीफे की खबर के बाद किठाना ही नहीं, बल्कि आसपास के गांवों से भी फोन आ रहे हैं। कोई भी उनके अचानक इस्तीफे पर यकीन नहीं कर पा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सच है कि उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ इन दिनों अस्वस्थ थे, जिससे उनकी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ काफी चिंतित थीं, लेकिन वह भी इस्तीफा दे देंगे। इसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था।
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स्वास्थ्य नहीं था ठीक
भतीजे ने बताया कि इसी महीने के पहले सप्ताह में जब उपराष्ट्रपति की पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ गांव आई थीं तो वह तीन दिन तक गांव में ही रुकी थीं। उन्होंने गांव के मंदिर में भी दर्शन किए। फिर बातचीत के दौरान उन्होंने यह जरूर बताया कि अब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का पहले से ज्यादा ध्यान रखना होगा। क्योंकि उनकी सेहत ठीक नहीं है। मार्च में उनका दिल का ऑपरेशन हुआ था, जबकि पिछले महीने उत्तराखंड में उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई थी।
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धनखड़ का गांव से था खास लगाव
उनके इस्तीफे की खबर के बाद गांव में निराशा का माहौल है। धनखड़ ने हमेशा किठाना गांव के विकास के बारे में सोचा है। उपराष्ट्रपति बनने के बाद धनखड़ ने गांव में ऐतिहासिक काम करवाने में अपना योगदान दिया है। यही वजह है कि गांव के लोग इस फैसले को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। धनखड़ का झुंझुनूं से खास लगाव है। उपराष्ट्रपति बनने के बाद वे सात बार झुंझुनूं आ चुके हैं। इनमें से तीन बार वे सिर्फ छात्रों से मिलने और उनका हौसला बढ़ाने झुंझुनूं आए।
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