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Jammu Kashmir Election:घाटी के चुनाव में क्यों नाक घुसा रहा आतंकिस्तान ?

Jammu Kashmir Election: घाटी में पहले चरण का चुनाव पूरा हो चुका है. जम्मू-कश्मीर के 7 जिलों की 24 सीटों पर मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. 10 साल के बाद आई चुनावी बेला इस बार बेहद खास है. देखा जाए तो जम्मू-कश्मीर ने नए बदलावों के साथ बीजेपी को अग्नि परीक्षा की देहरी पर खड़ा कर दिया है

जहां फैसला जनमत पर निर्भर है. दूसरे चरण की ओर बढ़ते हुए पाकिस्तान ने घाटी के चुनाव में हस्तक्षेप की कोशिश तो जरूर की मगर मुंह की खानी पड़ी. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने धारा 370 को लेकर कांग्रेस और नेशनल कॉफ्रेंस के साथ एकमत होने की बात तो कही मगर उन्हें क्या पता था कि खुद की लपड़बाजी उन्हें और राहुल गांधी को नुकसान देने के लिए काफी रहेगी. जो खुद अपने देश के सुरक्षित नहीं बना सकते हैं. वो दलील दे रहे हैं घाटी के लोगों की सुरक्षा की.

धारा 370 की बहाली से पाक को क्या फायदा?

अगर जम्मू-कश्मीर में धारा 370 की बहाली हो जाती है तो पाकिस्तान को कई फायदे हो सकते हैं. जैसे आतंक को पनाह देने का रास्ता साफ होगा. विशेष दर्जा के साथ विशेषाधिकार भी हटाए गए. धारा 370 की बहाली के बहाने घाटी में आतंक बरपाना चाहता है पाकिस्तान

एक तरफ असुरक्षित देश को सुरक्षा देने का दावा करने वाले ख्वाजा आसिफ तो वहीं दूसरी ओर 2 खानदान. दोनों के बीच दिन भर खींचतान बनी रही. मुद्दा असरदार है, सियासत दमदार है. मगर फिर भी आफत कांग्रेस के सिर पर सवार है क्योंकि पहले ही धारा 370 के विरोध में मन बनाकर बैठी कांग्रेस पार्टी को अब पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने साथ दे दिया. और यही कांग्रेस पार्टी के परेशानी का बड़ा सबब बन सकता है क्योंकि बेगानी शादी में अब्दुल्ला दिवाने ने एंट्री कर ली है.

Shubham Pandey। Uttar Pradesh Bureau

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