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Jaya Kishori On Bag Controversy: 2 लाख का लेदर बैग जया किशोरी पर पड़ा भारी!

Jaya Kishori On Bag Controversy: A leather bag worth Rs 2 lakhs proved costly for Jaya Kishori!

2 लाख का लेदर बैग जया किशोरी पर पड़ा भारी!

Jaya Kishori On Bag Controversy: 9 साल की उम्र से कथावाचन करने वाली जया किशोरी अपने महंगे पर्स की वजह से ट्रोल्स का निशाना बनीं। जब विवाद ज्यादा बढ़ गया तो उन्हें सफाई देने के लिए आगे आना पड़ा। उन्होंने साफ किया कि वह गृहस्थ जीवन जीना चाहती हैं और उन्होंने कभी कथा में लोगों को मोहमाया से दूर रहने की सलाह नहीं दी।

भक्तों को भगवद गीता और कथा सुनाने वाली जया किशोरी ने अपने महंगे हैंडबैग को लेकर उठे विवाद को सुलझा लिया है। जया किशोरी का दावा है कि उनका पर्स चमड़े का नहीं बना है।वह कस्टमाइज बैग रखती हैं, इसलिए उस पर उनका नाम भी लिखा है। किशोरी ने दावा किया कि उन्होंने कभी अपनी कथा या प्रवचन के दौरान लोगों को मोहमाया से दूर होने की नसीहत दी। इसके अलावा उन्होंने इच्छा के बारे में बताया। जया किशोरी ने कहा कि मैं सामान्य लड़की हूं और पूर्ण रूप से गृहस्थ जीवन को जीना चाहती हूं।

महंगे फोन और कस्टमाइज हैंडबैंग का शौक


बता दें कि पिछले दिनों एक इंटरव्यू में जया किशोरी ने खुलासा किया था कि उन्हें महंगे फोन का शौक है। वह आईफोन सीरीज के फोन रखती हैं। उनकी कोशिश होती है कि आई फोन सीरीज का लेटेस्ट मॉडल उनके पास हो। उनका हैंडबैग भी कीमती है। बताया जाता है कि उनके हैंडबैग की कीमत दो लाख से अधिक है। इसके बाद से सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। कुछ लोगों ने आलोचना करते हुए कहा कि लोगों को मोह माया से दूर रहने की नसीहत देने वाली जया किशोरी खुद महंगे शौक रखती हैं। उन पर चमड़े के हैंडबैग रखने के आरोप भी लगे, जो पशुओं के खाल से बनता है। इसके बाद जया किशोरी आरोपों का जवाब देने के लिए सामने आईं।

जया किशोरी ने कहा “मैं कभी नहीं कहती कि सब कुछ मोह माया है, पैसा मत कमाओ या सब कुछ त्यागो। मैंने कुछ त्यागा नहीं है, तो मैं आपको ऐसा करने के लिए कैसे कह सकती हूं? मैं कोई संत, साधु या साध्वी नहीं हूं। मैं एक सामान्य लड़की हूं। मैं एक सामान्य घर में अपने परिवार के साथ रहती हूं। मैं युवाओं से भी यही कहती हूं कि आप मेहनत करें, पैसा कमाएं, खुद को एक अच्छी जिंदगी दें। मैं भी गृहस्थ जीवन जीना चाहती हूं।

लेदर वाले बैग का इस्तेमाल…कभी नहीं


29 साल की कथावाचक जया किशोरी ने कहा कि उनका हैंडबैग चमड़े का नहीं है, जिसे उन्होंने अपनी जरूरत के हिसाब से कस्टमाइज कराया है। जया किशोरी ने दावा किया कि उन्होंने कभी चमड़े के बैग का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ इतना बता सकती हैं कि भविष्य में भी वह लेदर बैग नहीं रखेंगी। जिसने कथा सुनी होगी, वह जानते हैं कि मोह माया से दूर रहने की बात कभी नहीं करती। वह हमेशा कथा में कभी नहीं कहती हैं कि पैसे मत कमाइए। यह मोहमाया है। जया किशोरी ने कहा कि मैंने कुछ त्यागा नहीं है, तो मैं आपको ऐसा करने के लिए कैसे कह सकती हूं? मैं पहले दिन से ही स्पष्ट हूं कि मैं कोई संत, साधु या साध्वी नहीं हूं। मैं एक सामान्य लड़की हूं, मैं एक सामान्य घर में रहती हूं, मैं अपने परिवार के साथ रहती हूं। मैंने कभी नहीं कहा कि मैंने बैराग्य लिया है। मैं गृहस्थ जीवन पूर्ण रूप से जीना चाहती हूं।

कथावाचन के साथ motivational speaker भी हैं जया

कथावाचक जया किशोरी का दावा है कि अपने अनुभव बताकर वह युवाओं को खूब प्रयास करने के लिए प्रेरित करती हैं ताकि वे आर्थिक रूप से खुद को बनाए रख सकें। वह लोगों को परिवार को अच्छी जिंदगी देने और अपने सपने पूरा करने की सलाह देती हैं। बता दें कि जया किशोरी कथा वाचक के साथ मोटिवेशनल स्पीकर (motivational speaker) भी हैं। उनका असली नाम जया शर्मा है और वह 9 साल की उम्र से प्रवचन कर रही हैं। 7 साल की उम्र में ही उनका अध्यात्म की तरफ झुकाव हो गया था। 12वीं में उन्होंने श्रीमदभगवत गीता (Srimad Bhagwat Geeta) को कंठस्थ कर लिया। अध्यात्म की दुनिया में मशहूर होने के बाद उन्होंने ओपन यूनिवर्सिटी से बीकॉम की पढ़ाई की।

Written By । Prachi Chaudhary । Nationa Desk । Delhi

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