कभी विधानसभा चुनाव नहीं हारे कैलाश विजयवर्गीय,पश्चिम बंगाल में भाजपा के लिए गेम चेंजर रहे विजयवर्गीय
Vijayvargiya BJP: सूबे की डॉ. मोहन यादव (Mohan Yadav) की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijay )किसी परिचय के मोहताज नहीं है। राजनीति के क्षेत्र में जहां उनकी पैठ है वहीं सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में भी उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। कभी भी विधानसभा चुनाव में हार का सामना नहीं किया। कैलाश विजयवर्गीय मूलतः इंदौर के है और सक्रिय राजनीति में होकर विभिन्न पदों को उन्होंने सुशोभित किया है। उन्होंने भाजपा में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1983 में नगर निगम के पार्षद के रूप में की। 1985 में उन्हें नगर निगम की स्थाई समिति का अध्यक्ष बनाया गया। यह पद उस समय महापौर के समान शक्तिशाली होता था। 1990 में पहली बार विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 4 से विधायक बने।1993, 1998 और 2003 में उन्होंने क्षेत्र क्रमांक 2 का प्रतिनिधित्व किया। 2008 और 2013 में महू विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए। 2023 के विधानसभा में उन्होंने विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 1 से विजय प्राप्त की।
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इस तरह कैलाश विजयवर्गीय प्रदेश के एकमात्र विधायक हैं जिन्होंने एक ही जिले के चार अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने का करिश्मा करके दिखाया। 2000 से 2005 तक में इंदौर के पहले जनता द्वारा निर्वाचित महापौर बने। 2003 से 2015 तक उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में उन्होंने अपनी प्रशासनिक कुशलता की छाप छोड़ी। इस बार के चुनाव में 7वीं बार विधायक बने। जिन्होंने कभी भी विधानसभा चुनाव में हार का सामना नहीं किया और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व संभालने से पहले 12 साल से अधिक समय तक राज्य सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे हैं। एक छात्र के रूप में वे बहुत ही उत्सुक सामाजिक कार्यकर्ता थे और उन्होंने से कई सामाजिक गतिविधियों, घटनाओं और अभियानों में भाग लिया। उनका अनुभव बढ़ता गया और बाद में वे मध्यप्रदेश के सफल राजनेताओं में से एक बन गए।
सर्वश्रेष्ठ महापौर के रूप में सम्मानित
उन्हें महापौरों के विश्व सम्मेलन में होनोलूलू, अमेरिका में सर्वश्रेष्ठ महापौर के रूप में सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें चीन में आयोजित विश्व पृथ्वी शिखर सम्मेलन की प्रिपरेटरी कमेटी का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया गया था। उन्हें 2003 में दक्षिण एशिया के महापौर परिषद का अध्यक्ष मनोनीत किया गया था और उन्होंने डरबन में विश्व पृथ्वी शिखर सम्मेलन में भारतीय स्वैच्छिक संगठन की टीम का नेतृत्व किया था। यह श्रेय इंदौर में पर्यावरण सुधार और ग्रीन लिविंग के प्रति उनके समर्पित प्रयासों को दिया जाता है कि इंदौर को भारत सरकार द्वारा ‘स्वच्छ शहर, ग्रीन सिटी 2002 से सम्मानित किया गया था।
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पश्चिम बंगाल में भाजपा के लिए गेम चेंजर
कैलाश विजयवर्गीय 2014 में भाजपा के हरियाणा राज्य विधानसभा चुनाव अभियान के प्रभारी थे।जब पार्टी ने हरियाणा राज्य विधानसभा चुनाव में अपनी पहली जीत दर्ज की। जिससे भाजपा की सीटें 4 से 47 हो गईं। उन्हें 2015 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के लिए पार्टी नेता नामित किया गया था उन्हें वर्ष 2021 के लिए भारत के शीर्ष 100 प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में शामिल किया गया था। उन्हें पश्चिम बंगाल में भाजपा के लिए गेम चेंजर माना जाता था क्योंकि पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीती थीं।
कैलाश विजयवर्गीय ने 8 दिसंबर 2008 को मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली और उन्हें लोक निर्माण, संसदीय कार्य, शहरी प्रशासन और विकास विभाग दिए गए। 1 जुलाई 2004 को उन्हें धार्मिक न्यास, बंदोबस्त और पुनर्वास विभाग दिया गया। विजयवर्गीय 27 अगस्त 2004 को लोक निर्माण मंत्री के रूप में बाबूलाल गौर के मंत्रिपरिषद में फिर से शामिल हुए। उन्हें 4 दिसंबर को शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिपरिषद में फिर से शामिल किया गया। 2004 के दौरान उज्जैन का सिंहस्थ उन्हीं के कुशल नेतृत्व में संपन्न हुआ।