Kangana Ranaut on Farm Laws: बॉलीवुड अभिनेत्री (Bollywood Actress) और सांसद (MP) कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के ‘कृषि कानूनों को वापस लाने’ के बयान से बीजेपी ने खुद को अलग कर लिया है। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया (BJP Spokesperson Gaurav Bhatia) ने कंगना रनौत की टिप्पणी पर स्पष्टीकरण देते हुए इसे उनका निजी बयान बताया।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “कंगना रनौत को भाजपा की ओर से ऐसा बयान देने का अधिकार नहीं है और यह कृषि बिलों पर भाजपा के दृष्टिकोण (BJP’s Viewpoint) को नहीं दर्शाता है। हम इस बयान की निंदा करते हैं।”
कंगना रनौत के बयान से यू-टर्न
इस बयान के सामने आने के बाद हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की मंडी लोकसभा सीट (Mandi Lok Sabha Seat) से सांसद कंगना रनौत ने भी ट्विटर पर ट्वीट कर इसे उनका निजी बयान बताया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि बिल्कुल। कृषि कानूनों (Agricultural Laws) पर मेरे विचार निजी हैं और इनका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। धन्यवाद।
वहीं, कांग्रेस ने मंगलवार 24 सितंबर को कृषि कानूनों को लेकर भाजपा सांसद की टिप्पणी का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी (Ruling Party) 2021 में निरस्त किए गए। सरकार तीनों कानूनों को वापस लेने का प्रयास कर रही है और हरियाणा (Haryana) इसका मुंहतोड़ जवाब देगा।
कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना
कांग्रेस ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर कंगना का एक बिना तारीख वाला वीडियो साझा किया है जिसमें वह हिंदी में कथित तौर कह रही हैं, “जो कृषि कानून रद्द (Agricultural Laws Repealed) किए गए हैं, उन्हें वापस लाना चाहिए। मुझे लगता है कि यह कॉन्ट्रोवर्सशियल बन कता है। कानून को किसानों के हित में वापस लाना चाहिए। खुद इसकी मांग किसानों को करनी चाहिए जिससे उनकी प्रॉपर्टी में कोई बाधा न आए।”
वीडियो के साथ कांग्रेस ने कहा, “किसानों पर थोपे गए तीनों काले कानून वापस लिए जाएं: यह बात भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कही है। देश के 750 से ज़्यादा किसान शहीद हो गए, तब जाकर मोदी सरकार (Modi Government) जागी और इन काले कानूनों को वापस लिया गया।” कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अब भाजपा सांसद इन कानूनों को वापस लाने की योजना बना रही हैं।
कांग्रेस ने कहा- ‘हरियाणा इसका मुंहतोड़ जवाब देगा’
विपक्षी दल (Opposition Party) ने ट्विटर पर कहा, “कांग्रेस किसानों के साथ है। नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और उनके सांसद चाहे जितनी भी कोशिश कर लें, ये काले कानून (Black Laws) कभी वापस नहीं होंगे।” कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत (Congress spokesperson Supriya Shrinet) ने हरियाणा में विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, “हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे। हरियाणा इसका मुंहतोड़ जवाब देगा।”
तीन कानून – किसान उपज व्यापार (Farmer Produce Trading) और वाणिज्य (Commercial) (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम; किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन (Price Assurance) और कृषि सेवा (Agricultural Services) पर करार अधिनियम; और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम – नवंबर 2021 में निरस्त कर दिए गए। किसानों का विरोध प्रदर्शन (Protests) नवंबर 2020 के अंत में शुरू हुआ और संसद द्वारा तीनों कानूनों को निरस्त करने के बाद समाप्त हुआ। ये कानून जून 2020 में लागू हुए और नवंबर 2021 में निरस्त कर दिए गए।