कानपुर: तीन जून को कानपुर में हुई हिंसा की घटना में सख्त कार्रवाई से उपद्रवियों के होश उड़े हुए हैं। वे कानून में शिकंजे में फंसकर सलाखों के पीछे तो जा रही रहें हैं, पत्थरबाजी में इस्तेमाल हुई अवैध निर्माणों वाले घरों पर बुलडोजर चलाने की आशंका से चलते शहर काजी जैसे उपद्रवियों के हिमायती लोह कफन बांधकर घर से निकलने की बात कहने का मजबूर हैं, जिससे उनकी हताशा साफ दिखायी दे रही है। कानपुर पुलिस व एसआईटी द्वारा अब तक 54 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
उधर अब कानपुर जिला प्रशासन ने 147 ऐसी इमारतों और घरों को चिन्हित किया है, जिनकी छतों से उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की थी। जिलाधिकारी ने इन इमारतों और घरों की वीडियोग्राफी करने के आदेश दिये हैं, ताकि उनमें हुए अवैध निर्माणों को पता लगाकर उन्हें ध्वस्त किया जा सके। कानपुर हिंसा में पुलिस की कई टीमें जांच कर रही हैं। उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई को देखते हुए हिंसा में शामिल लोग डरे हुए हैं।
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जिन दंगाईयों के फोटो पोस्टर में दिखाये गये हैं, उनमें से अधिकांश पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं। इनमें पांच आरोपियों का भारत के इस्लाम चरमपंथियों के संगठन पीएफआई (पीपुल्स फ्रंट आफ इंडिया) से संबंध होने से इस हिंसा में पीएफआई की भूमिका की भी अलग से जांच की जा रही है। पुलिस बहुत जल्द ही हिंसा में शामिल उपद्रवियों को फोटो वाला दूसरा पोस्टर जारी किये की तैयारी की जा रही है, जिससे उपद्रवियों अपनी पहचान होने के डर से अपने घरों में भी चेहरा ढककर छिपे हुए हैं।