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Kanwar Yatra 2025: सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा में QR कोड लागू करने के फैसले में दखल देने से क्यों किया इनकार ?

सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर ढाबों और दुकानों में QR कोड लगाने के यूपी सरकार के आदेश को बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा कि सभी को लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाणपत्र वैधानिक नियमों के अनुसार प्रदर्शित करना होगा।

Kanwar Yatra 2025: Why did the Supreme Court refuse to interfere in the decision to implement QR code in Kanwar Yatra

Kanwar Yatra 2025: कांवड़ यात्रा के आखिरी दिन सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। अब कांवड़ मार्ग पर जितने भी होटल, रेस्टोरेंट और ढाबे हैं, उन सबको अपने दुकान के बाहर अपना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट साफ-साफ लगाना होगा। आसान भाषा में कहें तो, अब हर दुकान को अपनी पहचान और जरूरी सरकारी कागज खुले में दिखाने होंगे, ताकि कोई गड़बड़ी न हो।

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हालांकि, क्यूआर कोड दिखाने वाली बात पर कोर्ट ने अभी कोई तुरंत फैसला नहीं दिया है। कोर्ट ने कहा है कि इस पर बाद में विचार किया जाएगा। बाकी दूसरे मुद्दों पर भी कोर्ट ने अभी कोई निर्देश नहीं दिया है।

आपको बता दें कि हर साल सावन के महीने में लाखों शिवभक्त कांवड़ यात्रा करते हैं। उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों में कांवड़िए गंगाजल लेकर अपनी मंजिल की ओर बढ़ते हैं। इस रास्ते में कई होटल, ढाबे और रेस्टोरेंट आते हैं, जहां ये भक्त रुककर खाना-पीना करते हैं। कुछ समय से इन दुकानों के खाने की क्वालिटी और उनकी वैधता पर सवाल उठ रहे थे। कुछ लोगों की मांग थी कि ये दुकानें अपना पहचान पत्र और लाइसेंस के साथ-साथ क्यूआर कोड भी दिखाएं, ताकि ग्राहक उनके बारे में आसानी से जानकारी ले सकें।

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सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए साफ निर्देश दिया है कि कांवड़ यात्रा के रास्ते में मौजूद सभी होटल और रेस्टोरेंट को अपने लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दुकान के बाहर लगाना जरूरी होगा। इससे यह पक्का होगा कि दुकानें सही हैं और ग्राहकों (costumers) को कोई धोखा नहीं मिलेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह आदेश तुरंत लागू होगा, क्योंकि आज (22 जुलाई, 2025) कांवड़ यात्रा का आखिरी दिन है।

क्यूआर कोड वाली मांग पर कोर्ट ने फिलहाल कोई आदेश नहीं दिया। कोर्ट का कहना है कि इस पर अभी और सोचने की जरूरत है। साथ ही, दूसरे जुड़े मामलों पर भी कोर्ट ने अभी कोई फैसला नहीं सुनाया है।

इस आदेश से कांवड़ियों को बहुत फायदा होगा, क्योंकि अब वे आसानी से जान पाएंगे कि जिस दुकान से वे खाना खा रहे हैं, वह सही है या नहीं। इससे खाने की क्वालिटी और साफ-सफाई पर भरोसा बढ़ेगा। वहीं, दुकानदारों को भी अब अपने कागजात ठीक रखने होंगे और उन्हें सबके सामने दिखाना होगा। यह नियम न सिर्फ सब कुछ पारदर्शी बनाएगा, बल्कि अवैध रूप से चल रही दुकानों पर भी लगाम लगाएगा।

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Written by । Prachi chaudhary । National Desk

2020.. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद प्राची चौधरी पिछले 3 साल से एंटरटेनमेंट पत्रकार हैं। फिल्मी कीड़ा होना न केवल उनके पेशे का हिस्सा है, बल्कि उनका जुनून भी है। साथ ही, बॉलीवुड और टीवी की शौकीन, उनके पास दिलचस्प गपशप और सेलेब्स के बारे में जानकारियों का पिटारा है। वह इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि वेबसाइट पर आने वाले रीडर्स क्या देख रहे हैं। बाकी 'जर्नलिस्ट बनी ही इसलिए ताकि दुनिया के दिल के करीब रहूं।'

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2020.. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद प्राची चौधरी पिछले 3 साल से एंटरटेनमेंट पत्रकार हैं। फिल्मी कीड़ा होना न केवल उनके पेशे का हिस्सा है, बल्कि उनका जुनून भी है। साथ ही, बॉलीवुड और टीवी की शौकीन, उनके पास दिलचस्प गपशप और सेलेब्स के बारे में जानकारियों का पिटारा है। वह इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि वेबसाइट पर आने वाले रीडर्स क्या देख रहे हैं। बाकी 'जर्नलिस्ट बनी ही इसलिए ताकि दुनिया के दिल के करीब रहूं।'

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