Kedarnath by-election: उत्तराखंड के केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के नतीजों ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रत्याशी आशा नौटियाल ने कांग्रेस के मनोज रावत को बड़े अंतर से हराया। यह जीत बीजेपी के लिए जहां एक ओर विकास और जनता के भरोसे की पुष्टि है, वहीं कांग्रेस के लिए गहरी चिंता का विषय बन गई है।
हरीश रावत ने जताई चिंता, बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस हार पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “अगर हम पीछे चल रहे हैं, तो यह केवल कांग्रेस के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड और खासकर पहाड़ के विकास के पक्ष में आवाज उठाने वाले लोगों के लिए चिंताजनक है।” हरीश रावत ने चुनाव परिणामों को बीजेपी के “सत्ता, शराब और धनबल”* की जीत करार दिया और इसे उत्तराखंड की हार बताया। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत की तारीफ करते हुए कहा कि वे उन मुद्दों के लिए लड़ते रहे हैं, जो राज्य और केदारनाथ के लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
बीजेपी ने जताया जनता का आभार, कांग्रेस पर किया तीखा प्रहार
बीजेपी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इस जीत को ऐतिहासिक करार देते हुए केदारनाथ की जनता का आभार जताया। उन्होंने कहा, *”केदारनाथ की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रति भरोसा जताते हुए बीजेपी को भारी बहुमत से विजयी बनाया। कांग्रेस ने चुनाव में झूठे मुद्दे उठाए और यात्रा के दौरान अनर्गल बयानबाजी की, लेकिन जनता ने इसे खारिज कर दिया। यह कांग्रेस के मुंह पर करारा तमाचा है।”
महेंद्र भट्ट ने यह भी कहा कि केदारनाथ की जनता ने विकास कार्यों पर भरोसा जताकर भविष्य के लिए एक मिसाल पेश की है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले चुनावों में भी बीजेपी इसी तरह प्रदर्शन करेगी।
कांग्रेस की कमजोर रणनीति बनी हार का कारण?**
विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस की हार के पीछे कमजोर रणनीति और स्थानीय मुद्दों को सही तरीके से उठाने में असफलता एक बड़ा कारण रही। हरीश रावत का यह बयान कि “मनोज रावत पहाड़ के मुद्दों के लिए सबसे मुफीद प्रतिनिधि हैं,” यह दर्शाता है कि पार्टी को अपने उम्मीदवार पर भरोसा था, लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया। कांग्रेस के लिए यह हार सिर्फ एक उपचुनाव की हार नहीं, बल्कि राज्य में उसके कमजोर होते जनाधार का संकेत है।
बीजेपी की रणनीति और विकास कार्य बने जीत की वजह
बीजेपी की इस जीत के पीछे पार्टी की सटीक रणनीति, केंद्र और राज्य सरकार की विकास योजनाएं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केदारनाथ धाम के प्रति विशेष आस्था एक प्रमुख वजह मानी जा रही है। आशा नौटियाल की जीत को बीजेपी ने सरकार की नीतियों पर जनता की मुहर बताया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी ने स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ विकास कार्यों को केंद्र में रखा। पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री धामी की छवि को भुनाया और जनता तक यह संदेश पहुंचाया कि बीजेपी ही क्षेत्र के विकास की गारंटी है।
भविष्य की राजनीति पर प्रभाव
केदारनाथ उपचुनाव के परिणाम उत्तराखंड की आगामी राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर सकते हैं। जहां बीजेपी ने यह सीट जीतकर अपनी स्थिति मजबूत की है, वहीं कांग्रेस को अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करना होगा। इस चुनाव ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी विकास के एजेंडे के साथ पहाड़ी क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है, जबकि कांग्रेस का जनाधार कमजोर होता जा रहा है।