Encroachment in Khatima: खटीमा वन विभाग ने फिर से की बड़ी कार्रवाई, अतिक्रमण कर बनाई गई झोपड़ियों को किया ध्वस्त, अतिक्रमणकारियों में मची खलबली
Khatima Forest Department again took major action, demolished the huts built by encroachment, created panic among the encroachers.
Encroachment in Khatima: उत्तराखंड के खटीमा क्षेत्र में वन विभाग ने एक बार फिर से सख्त रुख अपनाते हुए वन भूमि पर किए गए अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया है। वन विभाग की इस कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मच गया है और अतिक्रमणकारियों में दहशत का माहौल बन गया है। उप प्रभागीय वनाधिकारी खटीमा संचिता वर्मा के निर्देश पर खटीमा वन रेंज की टीम ने नगर के पास सालभोजी नंबर एक की वन भूमि पर अवैध रूप से बनाई गई 40-50 झोपड़ियों को हटाया, जिन्हें अतिक्रमणकारियों ने कुछ दिन पहले ही खड़ा किया था।
सालभोजी नंबर एक की जमीन पर लगातार हो रहे हैं अतिक्रमण के प्रयास
सालभोजी नंबर एक, खटीमा की वह वन भूमि है, जो लकड़ी मंडी के रूप में काफी मशहूर रही है। इस क्षेत्र में लंबे समय से अतिक्रमणकारियों की नजरें गड़ी रही हैं, और इसी कारण यहां समय-समय पर वन भूमि पर कब्जा करने के प्रयास होते रहते हैं। हाल ही में, हाईकोर्ट के आदेश के बाद खटीमा वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इस वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया था। वन विभाग ने कई एकड़ भूमि से अवैध कब्जे को हटाकर वन क्षेत्र को अतिक्रमणकारियों से खाली करवाया था।
लेकिन कुछ समय बीतते ही अतिक्रमणकारी फिर से सक्रिय हो गए और उन्होंने वन भूमि पर झोपड़ियां खड़ी करनी शुरू कर दीं। विभाग द्वारा समय रहते इस गतिविधि की जानकारी मिलने पर तत्काल कार्रवाई की गई। उप प्रभागीय वनाधिकारी संचिता वर्मा ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए खटीमा वन रेंजर महेश जोशी को वन भूमि को दोबारा अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश दिया।
40 से अधिक झोपड़ियों को किया गया ध्वस्त
खटीमा वन रेंजर महेश जोशी ने भारी पुलिस बल और वन विभाग की टीम के साथ सालभोजी नंबर एक में जाकर वहां मौजूद चार दर्जन से अधिक झोपड़ियों को ध्वस्त कर दिया। कार्रवाई के दौरान वन विभाग की टीम ने किसी भी तरह की अवैध गतिविधि का सामना करने के लिए पूरी तैयारी की थी। वन विभाग की इस सख्त कार्रवाई से वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई और अतिक्रमणकारियों ने बिना किसी विरोध के ही अपनी झोपड़ियों को खाली कर दिया।
खटीमा वन रेंजर महेश जोशी के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में वन दरोगा धन सिंह समेत वन विभाग के कई कर्मचारी मौजूद थे। भारी फोर्स के साथ की गई इस कार्रवाई के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए थे। वन विभाग की इस मुस्तैदी ने अतिक्रमणकारियों को यह संदेश दिया कि वन भूमि पर अवैध कब्जा किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वन विभाग की आगामी योजना: तारबाड़ कराई जाएगी अतिक्रमण मुक्त भूमि
वन विभाग की इस कार्रवाई के बाद भी क्षेत्र में अतिक्रमणकारियों की गतिविधियों को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। वन अधिकारियों का कहना है कि अतिक्रमण मुक्त कराई गई भूमि को दोबारा कब्जे में न जाने देने के लिए विभाग जल्द ही उस क्षेत्र को तारबाड़ या अन्य किसी माध्यम से घेराबंदी करेगा। ताकि वन भूमि पर पुनः किसी प्रकार का अतिक्रमण न हो सके और इसे सुरक्षित रखा जा सके।
वन विभाग की योजना है कि अतिक्रमण मुक्त की गई भूमि पर स्थायी रूप से निगरानी रखी जाए और उसे विभाग की संपत्ति के रूप में संरक्षित किया जाए। इससे न केवल वन विभाग की जमीन सुरक्षित रहेगी, बल्कि भविष्य में होने वाले अवैध कब्जों को भी रोका जा सकेगा। वन अधिकारियों के अनुसार, जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और अतिक्रमण मुक्त क्षेत्र को पुख्ता सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
हाईकोर्ट के आदेश पर पहले भी हो चुकी है बड़ी कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब वन विभाग ने इस क्षेत्र में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हों। इससे पहले भी हाईकोर्ट के निर्देश पर खटीमा वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की थी और दर्जनों लकड़ी व्यवसायियों के अवैध ढांचे को ध्वस्त कर कई एकड़ भूमि को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराया था। उस दौरान की गई कार्रवाई में सैकड़ों लकड़ी व्यवसायियों को रोजगार की समस्या का सामना करना पड़ा था, लेकिन वन विभाग ने वन भूमि को सुरक्षित रखने के लिए सख्त कदम उठाए और अवैध कब्जे को हटाया।
उल्लेखनीय है कि खटीमा की इस वन भूमि पर लंबे समय से कब्जे की कोशिशें होती रही हैं। लकड़ी के व्यवसाय से जुड़े लोग और अन्य लोग समय-समय पर इस वन भूमि पर झोपड़ियां बनाकर अवैध रूप से कब्जा करने का प्रयास करते रहे हैं। लेकिन वन विभाग ने हर बार इन गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए समय-समय पर सख्त कार्रवाई की है।
वन विभाग की सख्ती के बाद भी अतिक्रमणकारियों की निगाहें बनी हुई हैं
हालांकि, वन विभाग की लगातार कार्रवाई के बावजूद अतिक्रमणकारी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। वन भूमि पर कब्जा करने की ये कोशिशें वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही हैं। इसलिए विभाग ने इस बार अतिक्रमण मुक्त की गई भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक योजना बनाई है।
वन अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि वन भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जो भी व्यक्ति या समूह ऐसा करने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वन विभाग का कहना है कि अगर किसी भी तरह की अवैध गतिविधि पाई गई तो दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे और उन्हें जेल तक भेजा जा सकता है।
वन भूमि की सुरक्षा के लिए जनता से भी अपील
वन विभाग ने क्षेत्र की जनता से भी अपील की है कि वे वन भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे या अन्य गतिविधियों की सूचना तुरंत वन विभाग को दें, ताकि समय रहते उचित कार्रवाई की जा सके। विभाग का कहना है कि वन क्षेत्र की सुरक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है और इसमें जनता का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है।
वन अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में ऐसे किसी भी अतिक्रमण प्रयास के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।