न्यूज़राजनीतिराज्य-शहर

महुआ को सजा की सिफारिश लेकिन विधुरी पर बैठक तक नहीं !

Latest News Mahua Moitra Case: TMC! लोकतंत्र का यह गजब नजारा है। लोकतंत्र के नाम पर इस देश में क्या क्या होता है यह भी सबके सामने है ।इस देश में जब लाभ लेने की बात होती है तो भी लोकतंत्र को दुहाई दी जाती है और जब किसी चीज को त्यागने ,किसी को बदनाम करने की बात होती है तो भी लोकतंत्र का ही हवाला दिया जाता है। इसी लोकतंत्र के नाम पर नेता को क्या क्या नहीं करते ।

लेकिन यही लोकतंत्र की कहानी जब उसी नेता के ऊपर लागू की जाती है तो नेता से लेकर उसकी पार्टी लोकतंत्र की धज्जी उड़ने से बाज नहीं आते ।


हालिया दो घटनाएं सामने आई ।संसद के भीतर बीजेपी सांसद रमेश विधूरी ने बसपा सांसद दानिश अली को खूब गरियाया ।खूब गालियां दी ।खूब बेइज्जत किया ।अपमानित किया ।धर्म विरोधी बातें कही । जाति विरोधी बात कही ।संसद शर्मसार हुआ ।देश की जनता भी शर्मसार हुई ।विदेशी लोग भी देश के भीतर संसद की इस दशा पर खूब हंसे थे ।धार्मिक शब्दों का जिस तरह से प्रयोग रमेश ने किया था ,आज तक संसद के भीतर ऐसा कभी नहीं हुआ था ।

उधर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर इल्जाम लगा कि उसमे पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का काम किया था ।महुआ के अधिकतर सवाल अडानी को लेकर पूछे गए थे ।महुआ पर ये सारे इल्जाम बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने की लगाया ।याद रहे निशिकांत दुबे खूब भी नकली शिक्षा को लेकर सवालों के घेरे में थे। दुबे को महुआ ने ही घेरा था ।दुबे को जैसे ही मौका मिला महुआ को घेर लिया ।और चुकी संसद में बीजेपी।का बहुमत है इसलिए संसद को सभी समितियों में बीजेपी सांसदों का भी बहुमत है ।

Read: Mahua Moitra Case News in Hindi, Breaking and Latest News !NewsWatchIndia

महुआ पर इल्जाम लगाए ही उसकी संसद को इथिक्स कमेटी ने जांच शुरू कर दी ।खूब जांच हुई ।महुआ को दो बार कमेटी के सामने पेश होना पड़ा । समिति के सदस्यों ने महुआ से कई निजी सवाल भी लिए ।महुआ ने उन सवालों का प्रतिकार किया ।देश के भीतर यह माहौल बना कि महुआ ने समिति के सवालों का जवाब नही दिया ।

अंत यही हुआ कि महुआ को एथिक्स समिति ने दंडित करने के लिए पांच सौ पेज की सिफारिश लोकसभा स्पीकर को भेज दिया है ।स्पीकर आगे क्या कुछ कार्य है इसे देखना होगा ।हो सकता है संसद में इस पर बहस भी हो ।यह भी संभव है कि संसद में महुआ को दंडित भी किया जाय क्योंकि बीजेपी को बहुमत है ।उसे संसद से निष्कासित भी किया जा सकता है।

हालाकि महुआ अभी मौन है। उसे करना है वह जानती है ।महुआ फिर से चुनाव लडेगी ।उसकी तैयारी भी करेगी ।लेकिन बीजेपी यह दिखाना चाहती है कि महुआ पर दाग लगा देना है ।उधर बीजेपी सांसद रमेश पर कोई चर्चा नहीं । कोई कारवाई नही ।कोई बैठक नही । संसद की विशेषाधिकार समिति के पास रणेश का मामला पहुंचा था । एक बैठक भी हुई ।उसके बाद आज तक कोई बैठक नही हुई ।और जब बैठक ही नहीं हुई तो दंड किसे मिलेगा ?

महुआ और रमेश ने अगर लोकतंत्र को शर्मसार किया है तो दंड देने को कहानी अलग क्यों ? देश को शर्मसार तो बीजेपी के संसद बृजभूषण शरण सिंह ने भी किया है ।उसे भी तो कोई दंड नहीं मिला ।न हो कानूनी और न ही पार्टी की तरफ से ।ऐसे में साफ लगता है कि इस देश में जो भी हो रहा है सब सरकार के इशारे पर जो रहा है ।विपक्ष को टारगेट करने के लिए जो रहा है ।फिर देश में ऐसा ही चलता रहा तो इस लोकतंत्र में कोई नही बचेगा ।आज आपकी बारी है ।कल हमारी बारी आएगी तो हम चोट करेंगे ।यह परिपाटी लोकतंत्र को खत्म कर देगा ।

Akhilesh Akhil

Political Editor

Show More

Akhilesh Akhil

Political Editor

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button