Latest Political News: यूं ही नही बदली सिसोदिया की सीट, जंगपुरा से लड़ेगे चुनाव, जाने कितना मिलेगा फायदा?
अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने एक अहम कदम उठाया है। आप ने दिल्ली चुनाव के लिए उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सीट बदल दी है। पहली लिस्ट में उन्हें पटपड़गंज से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन अब उन्हें जंगपुरा से उम्मीदवार बनाया है। व
Latest Political News: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने मनीष सिसोदिया की सीट बदल दी है। पटपड़गंज से तीन बार जीतने वाले सिसोदिया अब जंगपुरा से चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने उनके खराब प्रदर्शन और एंटी-इनकम्बेंसी को देखते हुए यह फैसला लिया है। सिसोदिया की जगह पटपड़गंज से पूर्वांचली नेता अवध ओझा को टिकट दिया गया है।
अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने एक अहम कदम उठाया है। आप ने दिल्ली चुनाव के लिए उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सीट बदल दी है। पहली लिस्ट में उन्हें पटपड़गंज से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन अब उन्हें जंगपुरा से उम्मीदवार बनाया है। वहीं उनकी जगह हाल ही में पार्टी में शामिल हुए अवध ओझा को पटपड़गंज से टिकट दिया है। सिसोदिया इस सीट से तीन बार चुनाव जीते हैं, इसके बाद भी उन्हें जंगपुरा क्यों भेजा गया?
पटपड़गंज में खराब हुआ है AAP का प्रदर्शन
पिछले दिल्ली विधानसभा चुनाव के आंकड़ों से स्पष्ट है कि आम आदमी पार्टी ने पटपड़गंज सीट पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। जब 2013 में पहली बार मनीष सिसोदिया ने चुनाव लड़ा तो वो 13 हजार वोटों से जीते थे। 2015 में हुए विधानसभा चुनावों में सिसोदिया को 28 हजार वोटों से जीत मिली थी। लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में सिसोदिया को बीजेपी ने कड़ी टक्कर दी। वो महज 4 हजार वोट से ही जीत पाए.
2020 के चुनाव में भाजपा के रविंदर सिंह नेगी को 66956 वोट मिले, जबकि मनीष सिसोदिया को 70163 वोट मिले। उनकी जीत का अंतर बेहद कम था। सिसोदिया को 49.51 प्रतिशत वोट मिले, जबकि बीजेपी उम्मीदवार को 47.25 प्रतिशत वोट मिले। काउटिंग के दौरान कभी सिसोदिया तो कभी नेगी आगे दिखाई देते रहे। 11वें राउंड में तो बीजेपी उम्मीदवार ने काफी अंतर से बढ़त बना ली थी।
सिसोदिया को एंटी-इनकम्बेंसी का डर!
मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी (Anti-Incumbency) काफी बढ़ गई है। पटपड़गंज सीट (Patparganj seat) पर ये उनके सामने एक बड़ी चुनौती बन चुकी थी। पिछले चुनावों में भी उन्हें इसका सामना करना पड़ा था। सिसोदिया शराब घोटाले मामले में काफी वक्त तक जेल में रहे। इसके साथ ही वो दिल्ली के डिप्टी सीएम भी थे, ऐसे में उनके ऊपर तमाम जिम्मेदारियां थी। इन वजहों से इस बार सिसोदिया पटपड़गंज की जनता के बीच भी कम ही पहुंचे। आम आदमी पार्टी के सर्वे के नतीजों के अनुसार इस बार सीटों की अदला-बदली की जानकारी मिली है।
आम आदमी पार्टी ने इस बार हर सीट का अध्ययन किया है और इस बात को ध्यान में रखा है कि किस सीट पर कौन से जातिगत समीकरण और अन्य कारक लागू होंगे। इन सब पर विचार करते हुए आम आदमी पार्टी की दूसरी लिस्ट में सभी विधानसभा में नए चेहरे उतारे गए हैं।
AAP नहीं लेना चाहती कोई रिस्क
मनीष सिसोदिया केजरीवाल के बाद आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं। ऐसे में पार्टी उन्हें लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। वैसे भी यह चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए लिटमस टेस्ट की तरह है। केजरीवाल ने इस्तीफा देते वक्त कहा था वो चुनाव जीतकर खुद को निर्दोष सिद्ध करेंगे। वहीं जंगपुरा सीट आम आदमी पार्टी के लिए सेफ मानी जाती है। इसलिए पार्टी ने यहां से मनीष सिसोदिया को उम्मीदवार बनाया है। जबकि जंगपुरा विधायक प्रवीन कुमार को पार्टी ने जनकपुरी से उम्मीदवार बनाया है।
सिसोदिया की सीट पर अवध ओझा को क्यों दिया गया मौका?
मनीष सिसोदिया को हटाने का फैसला स्पष्ट है, लेकिन अवध ओझा को उम्मीदवार क्यों चुना गया? यह सवाल भी लोगों के मन में उठ रहा है। दरअसल पटपड़गंज सीट पर यूपी और पूर्वांचल के वोटर्स की अच्छी संख्या है। अवध ओझा पूर्वांचल से आते हैं। वो देश के जाने माने शिक्षक हैं और उनके फॉलोवर्स भी अच्छे खासे हैं। अवध ओझा के आप में शामिल होने के बाद से ही उनको पटपड़गंज से चुनाव लड़ाने की चर्चा शुरू हो गई थी।