Leopard terror in Uttarakhand forests: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में इन दिनों गुलदार का आतंक बढ़ता जा रहा है। हाल ही में पोखड़ा विकासखंड के नवानी गांव में घास काट रही एक महिला पर गुलदार ने अचानक हमला कर दिया, जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। घटना ने क्षेत्र में भय का माहौल बना दिया है। गुलदार के हमलों के कारण ग्रामीणों में दहशत का माहौल है, और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने वन विभाग से इलाके में गश्त बढ़ाने की मांग की है।
महिला ने दरांती से गुलदार पर किया हमला, बचाई जान
घटना के अनुसार नवानी गांव में शांति देवी (54), पत्नी केशवानंद, अपने खेत में घास काट रही थीं। इसी दौरान झाड़ियों में घात लगाकर बैठे एक गुलदार ने अचानक उन पर हमला कर दिया। हमले में शांति देवी ने साहस दिखाते हुए दरांती से गुलदार पर प्रहार किया, जिससे उनकी जान बच पाई। इस संघर्ष में महिला के हाथ और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं। घटना के बाद, पास में घास काट रही अन्य महिलाओं ने शोर मचाना शुरू कर दिया, जिससे गुलदार जंगल की ओर भाग गया।
घायल शांति देवी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांवखाल में भर्ती कराया गया है। पूर्व प्रमुख सुरेंद्र सिंह रावत और स्थानीय निवासी जितेंद्र सिंह नेगी ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि गांव में गुलदार की सक्रियता ने लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है। शांति देवी के साहस और सूझबूझ ने उनकी जान तो बचा ली, परन्तु इस घटना ने गांव के अन्य लोगों में भय का माहौल बना दिया है। ग्रामीणों ने वन विभाग से क्षेत्र में नियमित गश्त की मांग की है ताकि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
गुलदार की धमक से दहशत में ग्रामीण
गुलदार का आतंक सिर्फ नवानी गांव तक ही सीमित नहीं है। देवप्रयाग विधानसभा के चौरास इलाके में भी गुलदार की चहलकदमी देखी गई है। वन विभाग ने इन इलाकों में रहने वाले लोगों को रात्रि और शाम के समय अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की सलाह दी है। वन विभाग की टीम ने गुलदार की संभावित गतिविधियों के मद्देनजर क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है। विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने का अनुरोध किया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
वन विभाग की सीमाओं पर मुस्तैदी बढ़ाई गई
इस बीच, उत्तराखंड वन विभाग ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी है। तराई क्षेत्र के जंगल उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे हैं, जहां वन विभाग की अतिरिक्त गश्ती टीमों ने निगरानी बढ़ा दी है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय सीमा नेपाल से सटे जंगलों को भी तस्करी के लिहाज से संवेदनशील माना जा रहा है, और वहां भी वन विभाग की सक्रियता बढ़ा दी गई है।
तराई पूर्वी वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागड़ी ने बताया कि वन्यजीव तस्करी को रोकने के लिए सभी रेंज अधिकारियों को सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं। यदि तस्करी की कोई घटना सामने आती है, तो संबंधित रेंज अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दीपावली के अवसर पर वन विभाग की टीम को हाई अलर्ट पर रखा गया है, ताकि वन्य जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की मांग
घटना के बाद स्थानीय प्रधान रेखा देवी, संजय नवानी, और विलोचन प्रसाद नवानी ने वन विभाग से गुलदार की बढ़ती सक्रियता के मद्देनजर क्षेत्र में गश्त बढ़ाने की अपील की है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से गुलदार की बढ़ती घटनाओं के चलते लोग दिन के समय भी खेतों में काम करने से घबराने लगे हैं। जनप्रतिनिधियों ने वन विभाग से आग्रह किया है कि वह तुरंत प्रभाव से गश्त बढ़ाए और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
वन विभाग ने सावधानी बरतने की अपील की
वन विभाग ने क्षेत्र के लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से जंगलों के आस-पास न जाने की सलाह दी है। विभाग का कहना है कि गुलदार का व्यवहार अप्रत्याशित होता है और छोटे बच्चों और महिलाओं को खास सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। इसके अलावा, विभाग का कहना है कि गुलदार को पकड़ने के लिए अगर आवश्यक हुआ तो पिंजरा भी लगाया जा सकता है।