MAHA KUMBH MELA 2025: प्रयागराज महाकुंभ 2025: अयोध्या के रामलला का बाल स्वरूप दर्शन, विहिप शिविर में प्रतिमा स्थापित
MAHA KUMBH MELA 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले 2025 में श्रद्धालुओं को अयोध्या के रामलला की बाल स्वरूप से मिलती-जुलती प्रतिमा के दर्शन का सौभाग्य मिल रहा है। यह प्रतिमा विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के शिविर में स्थापित की गई है। शिविर में रामलला के प्रतीकात्मक मंदिर का निर्माण किया गया है, जिसमें काले पत्थर से बनी यह अद्भुत प्रतिमा विराजमान है। यह पहल राम मंदिर निर्माण और राम जन्मभूमि आंदोलन की संघर्षगाथा को दर्शाने का प्रयास है।
MAHA KUMBH MELA 2025: 2025 का महाकुंभ मेला श्रद्धा और भक्ति का केंद्र बना हुआ है। इस बार मेले में एक विशेष आकर्षण रामलला के अद्भुत बाल स्वरूप के दर्शन हैं। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के शिविर में अयोध्या के राम मंदिर में विराजमान रामलला की प्रतिमा से मिलती-जुलती एक प्रतिमा स्थापित की गई है। भक्त इसे देखकर बेहद भाव-विभोर हो रहे हैं और इसे महाकुंभ का एक अनोखा अनुभव मान रहे हैं।
अयोध्या से प्रयाग तक रामलला की छवि
पिछले साल अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन हुआ और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ मंदिर में उनके दर्शन शुरू हुए। देशभर से लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचकर रामलला के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर रहे हैं। लेकिन इस बार प्रयागराज के महाकुंभ मेले में करोड़ों श्रद्धालुओं को रामलला की बाल छवि का दर्शन मिल रहा है।
विहिप के शिविर में काले पत्थर से बनी यह प्रतिमा रामलला के प्रतीकात्मक मंदिर में स्थापित की गई है। यह प्रयास उस संघर्ष और आंदोलन को स्मरण कराता है, जो राम मंदिर निर्माण के लिए विहिप और अन्य हिंदू संगठनों ने किया। राम जन्मभूमि के लिए वर्षों तक चले इस आंदोलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), और विभिन्न हिंदू संगठनों ने अपनी भूमिका निभाई।
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श्रद्धालुओं के लिए अद्वितीय अनुभव
महाकुंभ में स्नान के साथ-साथ रामलला के दर्शन का अनुभव श्रद्धालुओं के लिए बेहद खास हो गया है। दर्शन के बाद भक्तों का कहना है कि उन्हें यह विश्वास ही नहीं हो रहा कि अयोध्या की छवि को इस तरह से प्रयागराज में देखने का अवसर मिलेगा। संगम स्नान और रामलला के दर्शन ने उनकी आध्यात्मिक अनुभूति को दोगुना कर दिया है।
एक श्रद्धालु ने कहा, “यह हमारी आध्यात्मिक यात्रा का एक अनमोल अनुभव है। रामलला के दर्शन से मन को शांति मिली है और यह ऐसा लग रहा है जैसे हम अयोध्या में ही हैं।”
अशोक सिंघल की स्मृति में स्तंभ
शिविर में विहिप के संस्थापक और राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख चेहरे अशोक सिंघल की स्मृति में एक विशेष स्तंभ भी स्थापित किया गया है। इस स्तंभ पर राम मंदिर निर्माण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां और ऐतिहासिक तथ्यों को प्रदर्शित किया गया है। यह स्तंभ न केवल श्रद्धालुओं को आंदोलन के संघर्षों की याद दिलाता है, बल्कि युवाओं को प्रेरित भी करता है।
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विहिप का योगदान और संदेश
विहिप प्रयाग क्षेत्र के संयोजक शिवम प्रयाग ने कहा, “राम मंदिर के लिए हमारा संघर्ष और समर्पण अतुलनीय है। यह प्रतिमा उसी आंदोलन की स्मृति है और रामलला के दर्शन का अवसर यहां आने वाले हर भक्त को प्रदान करना हमारा उद्देश्य है।”
महाकुंभ में यह शिविर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बना हुआ है, बल्कि राम जन्मभूमि आंदोलन के ऐतिहासिक संदर्भ को भी पुनर्जीवित कर रहा है।
महाकुंभ का महत्व और उत्साह
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में करोड़ों श्रद्धालु स्नान और पूजन के लिए जुटे हुए हैं। रामलला के दर्शन ने इस आयोजन को और अधिक विशेष बना दिया है। विहिप के शिविर में उमड़ी भीड़ यह दर्शाती है कि रामलला की आस्था का प्रभाव देशभर के लोगों के दिलों में गहराई से व्याप्त है।
प्रयागराज महाकुंभ इस बार न केवल संगम स्नान और आध्यात्मिकता का पर्व है, बल्कि यह रामलला के अद्वितीय दर्शन के कारण एक ऐतिहासिक अवसर बन गया है। यह महाकुंभ श्रद्धा, भक्ति और एकता का प्रतीक बनकर देशभर के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।
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