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MahaKumbh 2025: महाकुंभ की महा तैयारी…अखाड़ा परिषद की मांग भारी!

Maha Kumbh's grand preparations...Akhada Parishad's demand is huge!

MahaKumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ (mahakumbh 2025) में मुस्लिमों की एंट्री और कारोबारी गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की गई है। अखाड़ा परिषद ने फर्जी संतों की पहचान के लिए आईडी प्रूफ अनिवार्य किया है। गोहत्या पर पाबंदी और सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिए जाने की अपील भी की गई है।

प्रयागराज (prayagraj) में अगले साल होने वाले महाकुंभ में मुसलमानों की भागीदारी पर रोक लगाने की मांग की गई है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (cm yogi adityanath) के सामने अखाड़ा परिषद ने यह मांग रखी है। परिषद ने कहा है कि संतों के लिए आईडी अनिवार्य की जाए क्योंकि कई दूसरे समुदाय के लोग संत बनकर महाकुंभ में घूमने लगते हैं। सोशल मीडिया (social media) पर एक वीडियो भी वायरल है, जिसमें एक संत मांग कर रहे हैं कि मुसलमानों को कुंभ क्षेत्र में दुकानें लगाने की अनुमति न दी जाए।

बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (All India Arena Council) की शनिवार को बैठक में कई प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें मुख्य रूप से लव जिहाद, संतों की सुरक्षा, गोहत्या पर रोक, कुंभ मेला क्षेत्र को स्वच्छ और हरा-भरा रखना तथा पूरे आयोजन के दौरान सभी की सुरक्षा पर सरकार द्वारा अतिरिक्त ध्यान दिए जाने जैसे मुद्दे शामिल हैं। बैठक में यह भी तय किया गया कि इस साल कुंभ में शाही और पेशवाई जैसे नाम नहीं रखे जाएंगे और आपसी सहमति से इनके स्थान पर नए नाम जल्द ही सरकार को भेजे जाएंगे। इतना ही नहीं, अगर ये शर्तें पूरी नहीं होती हैं तो मेले का बहिष्कार करने का भी फैसला किया गया। कई संतों ने शाही नाम के बजाय अमृत स्नान नाम रखने की सलाह दी। इस पर अधिकांश संत सहमत दिखे।

दो दिन चली बैठक के बाद फर्जी संतों की कुंभ मेला क्षेत्र में प्रतिबंध के साथ पूर्ण बहिष्कार की घोषणा की गई है। इसके साथ मेले में सुरक्षा के मद्देनजर सभी तेरह अखाड़ों के संतों को सरकार की ओर से विशेष सुरक्षा देने की मांग की गई। अखाड़ा परिषद ने सभी अखाड़ों से अपील की कि वे अपने संतों को आई कार्ड उपलब्ध करवाएं, जिससे सभी संतों की पहचान हो सके। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसा कहा जा रहा है कि अखाड़ा परिषद ने महाकुंभ में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की है।

उनका कहना है कि कई मामले ऐसे सामने आए हैं, जब लोग पहचान छुपाकर गरबा में दाखिल हो जाते हैं। इसके विपरीत महाकुंभ कहीं अधिक महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर है। अखाड़े के संतों का कहना है कि ऐसे में पहचान पत्र के बिना किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। संतों का दावा है कि उन्होंने अक्सर मुसलमानों को साधु बनकर कुंभ में घूमते देखा है। ऐसे में प्रयागराज महाकुंभ में आने वाले हर व्यक्ति की पहले से जांच कर लेना बहुत जरूरी है।

वहीं, सोशल मीडिया पर वायरल (viral video) एक अन्य वीडियो में गेरुआ वस्त्रधारी संत का कहना है कि महाकुंभ क्षेत्र में मुसलमानों को दुकान न लगाने दी जाए। उन्होंने कहा कि इस कुंभ मेले में किसी भी मुस्लिम कारीगर को कोई खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थ बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और मुसलमानों को इसमें शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि संतों ने थूकने, पेशाब करने और फिर उत्पाद बेचने को लेकर चिंता जताई है। वैसे भी, उनकी कंपनी कुंभ में क्यों है? वहां मौजूद हिंदुओं का क्या काम है?

Written By । Prachi Chaudhary । Nationa Desk । Delhi

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