Jharkhand Political News: भले ही हेमंत सोरेन ईडी के कब्जे में हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है। लेकिन इधर कांग्रेस ने झारखंड की अपनी गठबंधन वाली सरकार बचाने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। झारखंड के करीब 39 विधायकों को हैदराबाद के एक रिसोर्ट में ठहराया गया है। उनकी निगरानी की जा रही है और भारी पुलिस के बीच उन्हें सुरक्षित भी रखा गया है। रिसोर्ट में ही कांग्रेस की वरिष्ठ नेता दीपा दास मुंशी ठहरी हुई है ताकि सभी विधायकों को कोई परेशानी नहीं हो। राहुल गाँधी ने साफ़ कर दिया है कि झारखंड की उनकी गठबंधन की सरकार किसी भी कीमत में बचाने की जरूरत है।
उधर रांची में हलचल है। कल पांच तारीख को चम्पई सरकार की बहुमत का परीक्षण कैसे गठबंधन के पास बहुमत को लेकर अभी तक कोई दुविधा नहीं है। गठबंधन के पास 48 विधायक है जबकि बहुमत के लिए 42 विधायकों की ही जरूरत है। लेकिन बीजेपी किसी भी सूरत में अब बहुमत में खेल करने को तैयार है। बीजेपी की कोशिश है कि कांग्रेस और झामुमो के कुछ विधायकों को तोड़ा जाए या फिर उन्हें एब्सेंट कराया जाए ताकि सरकार को बहुमत हासिल न हो और सरकार गिर जाए। इसके बाद बीजेपी या तो खुद की सरकार बनाने को तैयार है या फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाकर अपरोक्ष रूप से झारखंड सत्ता चलाने की तैयारी की जा रही है। बीजेपी किसी भी सूरत में झारखंड को अपने कब्ज़ा में रखने को बेचैन है ताकि लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 14 सीटों पर कब्जा किया जा सके। याद रहे इसी साल के अंत में वहां विधान सभा चुनाव भी होने हैं।
लेकिन कांग्रेस किसी भी सूरत में बीजेपी के खेल को पूरा नहीं होने देना चाहती। हैदराबाद में कांग्रेस की सरकार है और यही वजह है कि वहां सभी विधायकों को सुरक्षित रखा गया है। हैदराबाद के एक निजी रिसोर्ट में सभी विधायकों को रखा गया है। इसके साथ ही तेलंगाना की सरकार लगातार झारखंड के सभी विधायकों के संपर्क में हैं और उन पर कड़ी निगायह भी रखी जा रही है। रिसोर्ट परिसर में भारी पुलिस की तैनाती की गई है। तेलंगाना सरकार के मंत्री बारी -बारी से विधायकों से मुलाकात बी ही कर रहे हैं ताकि कोई परेशानी नहीं हो।
जानकारी के मुताबिक कल सुबह ही ये सभी विधायक रांची के लिए प्रस्थान करेंगे। झारखंड विधान सभा में कल बहुमत परीक्षण होगा। अगर सरकार बच जाती है और कोई बड़ी राजनीति नहीं होती है तो अगले दिन ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। कांग्रेस की कोशिश यही है कि चाहे कैसे भी सरकार को बचाकर लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 14 सेटों पर कब्ज़ा किया जाए। कांग्रेस और बीजेपी के बीच की यह कहानी क्या रंग लाती है यह देखना बाकी है।