Manipur Violence Latest Update: मणिपुर हिंसा को लेकर दो सप्ताह पहले सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस गीता मित्तल की अगुवाई में तीन महिला जजों की एक समिति का गठन किया था और कहा था कि वह दो सप्ताह के भीतर मणिपुर की हिंसा (Manipur Violence), वहां की जातीय और सामाजिक पहलुओं और राहत और पुनर्वास के बारे में रिपोर्ट जमा करें । ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके ।
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इधर जस्टिस गीता मित्तल कमेटी ने मणिपुर की पूरी स्थिति को लेकर दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है । इस रिपोर्ट में और क्या सब दर्ज है इसके बारे में तो अभी कोई खुलासा नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट से कई चौंकाने वाली बातें भी सामने आ सकती है । तीन महिला जजों द्वारा तैयार की गई ये रिपाेर्ट मणिपुर (Manipur Violence) की आंतरिक कहानी तो बताएगी ही जो लोग राहत कैंपों में रह रहे है उनकी असली तस्वीर का भी इस रिपोर्ट से बहुत कुछ मिलेगा। खबर के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट मिलने के बाद अब 25 तारीख को सुनवाई करेगा ।बता दें कि सात अगस्त को गीता मित्तल कमेटी का गठन शीर्ष अदालत ने किया था।
रिपोर्ट जारी करने के बाद जस्टिस गीता मित्तल ने कहा है कि रिपोर्ट में बहुत सी बातें कही गई है और इस पर शीर्ष अदालत अब 25 अगस्त को सुनवाई भी करेगा लेकिन हमने शीर्ष अदालत को कहा है कि मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) में जिन लोगों के दस्तावेज खत्म हो गए हैं उन्हें फिर से जारी किए जाए। जानकारी के मुताबिक गीता मित्तल रिपोर्ट में राहत और पुनर्वास को लेकर कई बातों का जिक्र रिपोर्ट में दर्ज है। जानकारी यह भी है की कमेटी ने अलग-अलग विषयों पर तीन रिपोर्ट अदालत में जमा की है और फिर अदालत ने केंद्र सरकार के वकील को इसकी जानकारी भी दी है। अदालत ने रिपोर्ट की कॉपी में एस जे तुषार मेहता से मदद भी मांगी है। सीजेआई ने कहा है कि इस रिपोर्ट्स की कॉपी इस केस से वकीलों को भी दी जाएगी ताकि वे भी अपने सुझाव दे सकेंगे । उधर कुकी संगठन कुकी इंपी मणिपुर, कई ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की है अकादमिक जगत से जुड़े उनके लोगों पर किए गए केस वापस लिए जाए ।
मणिपुर में जांच कई स्तरों पर जारी है । इसी बीच हिंसक खेल भी जारी है लेकिन कुकी और मैतेई एक दूसरे के दुश्मन तो बन ही गए है । मणिपुर (Manipur Violence) में आगे क्या होगा यह तो कोई नहीं जानता लेकिन मणिपुर में शांति हाे यह सरकार भी चाहती है और विपक्ष भी। देश भी चाहता है और दुनिया भी। मणिपुर के लोगों को न्याय मिले यही सबकी चाहत है।