श्रीनगर: बडगाम के नागरिकों द्वारा तहसील कर्मी कश्मीरी पंड़ित राहुल भट्ट की हत्या में जहां विरोध प्रदर्शन जारी है। वहीं शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर राज्य के सरकारी कर्मचारी भी इस विरोध में कूद पड़े हैं। आज कश्मीरी पंड़ित राहुल भट्ट की हत्या के विरोध में 340 कर्मचारियों का सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। वे सारे एकत्रित होकर लाल चौक पर बैठ गये। इसके बाद जम्मू -कश्मीर सरकार दबाब में आ गयी थी।
आज सैंकड़ों कश्मीरी पंडितों जम्मू-अखनूर के पुराने हाईवे को बंद कर करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी की। राहुल भट्ट की हत्या का विरोध उग्र होने पर पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा था, जिसमें चार कश्मीरी पंडित घायल हो गये थे। इसके बाद मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने भट्ट के परिवार से मुलाकात की और परिवार को सुरक्षा देने के साथ-साथ हर स्तर से सहयोग देने का आश्वासन दिया।
उधर शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में दो आंतकवादियों को मार गिराया। सुरक्षा बलों ने दावा किया है कि मारे गये दोनों आंतकवादियों ने ही तहसील कर्मी कश्मीरी पंड़ित राहुल भट्ट की हत्या की थी। बृहस्पतिवार को भी एक आतंकवादी मारा गया था। सुरक्षा बलों द्वारा दो दिनों में तीन आंतकवादियों मारे गिराने से आंतकवादी संगठनों का मनोबल कमजोर हुआ है।
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बता दें कि बडगाम तहसील के राजस्व विभाग में कार्यरत कश्मीरी पंड़ित राहुल भट्ट को बृहस्पतिवार को दो आंतकवादियों ने दिन दहाड़े उनके कार्यालय में घुसकर गोली मार दी थी। गंभीर रुप से घायल राहुल भट्ट को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां थोड़ी देर बाद ही उसकी मौत हो गयी थी।