देवबंद (सहारनपुर)। जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने जमीयत उलेमा की बैठक में एक बहुत ही विवादास्पद बयान दिया है। उन्होने कहा कि अगर हमारा मजहब बर्दाश्त नहीं, तो तुम पाकिस्तान चले जाओ’. यह मुल्क हमारा है और हम कहीं नहीं जाने वाले हैं। मदनी के इस बयान को बहुसंख्यक समाज के लिए खुली चुनौती देने के रुप में माना जा रहा है।
मदनी ने कहा कि ये मुल्क (भारत) हमारा (मुस्लिमों) का है। हमारा खान-पान, रहन रहन, रीति-रिवाज, काम करने के तरीका और मजहब अलग जरुर है, लेकिन देश सबका है। मुल्क पर यहां रहने वाले सब लोगों का बराबर का हक़ है। उन्होने कहा कि जो लोग बात-बात में कहते हैं कि पाकिस्तान चले जाओ, तो उन्हें बता दें कि हमें जाने का मौका मिला था, लेकिन हम वहां नहीं गये। यह मुल्क हमारा है और जिसे हमारा मजहब बर्दाश्त न हो, वो ही पाकिस्तान चला जाए।
मौलाना महमूद मदनी ने अपने भाषणों में जो कहा कि वह देश में सद्भाव का वातावरण बनाने की बजाय तनाव बढाने वाला ही ज्यादा है। धार्मिक लोगों को इस तरह के भड़काऊ बयानों से बचना चाहिए। जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के दो दिन तक चला सम्मेलन में वक्ताओं ने समाज और देश हित में कोई सकारात्मक संदेश देने की बजाय मुस्लिमों को भड़काने और अपना वर्चस्व बनाने के लिए इस्लामिक सोच का विस्तार कर दूसरे धर्मो के लोग में वैमनस्यता का भाव फैलाने का ही काम किया है।
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