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Political News: मायावती का कांग्रेस पर तीखा हमला, 1995 के हमले पर उठाए सवाल, जातीय जनगणना और आरक्षण पर दी चुनौती

Mayawati's sharp attack on Congress, questions raised on 1995 attack, challenge on caste census and reservation

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कांग्रेस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाते हुए पार्टी की नीतियों और इरादों पर निशाना साधा है। मायावती ने सोशल मीडिया पर लगातार कई पोस्ट के जरिए कांग्रेस पर हमला बोलते हुए 1995 में अपने ऊपर हुए हमले का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कांग्रेस की निष्क्रियता पर सवाल उठाया।

1995 के हमले का जिक्र, कांग्रेस की भूमिका पर सवाल

मायावती ने याद दिलाया कि 1995 में जब समाजवादी पार्टी (सपा) ने उनके ऊपर हमला कराया था, उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। उन्होंने सवाल उठाया कि उस समय कांग्रेस ने अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं निभाई। मायावती ने कहा, “1995 में जब सपा के आपराधिक तत्वों ने मुझ पर हमला किया, तो उस वक्त कांग्रेस कहां थी? उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, फिर उन्होंने मुझे बचाने के लिए अपना दायित्व क्यों नहीं निभाया?”

बीजेपी और विपक्ष की भूमिका की सराहना

मायावती ने इस घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और विपक्ष की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, “उस वक्त सपा के आपराधिक तत्वों से बीजेपी सहित समूचे विपक्ष ने मानवता और इंसानियत के नाते मुझे बचाने में जो दायित्व निभाया, उसे कांग्रेस क्यों भूलती रहती है? इस मामले में कांग्रेस की बीच-बीच में तकलीफ क्यों होती है?”

जातीय जनगणना पर भी उचुप्ल

मायावती ने कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी पर भी जातीय जनगणना के मुद्दे पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बीएसपी वर्षों से जातीय जनगणना के लिए कांग्रेस पर दबाव बना रही है और अब बीजेपी पर भी यही दबाव बना रही है। लेकिन सवाल यह है कि क्या कांग्रेस वास्तव में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को उनका वाजिब हक दिला पाएगी?

आरक्षण और क्रीमीलेयर पर कांग्रेस की चुप्पी

मायावती ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह अनुसूचित जाति और जनजाति आरक्षण में वर्गीकरण और क्रीमीलेयर के मुद्दे पर अभी भी चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने पूछा, “क्या कांग्रेस इस मुद्दे पर अपना रुख साफ करेगी? कांग्रेस को बताना चाहिए कि वह जातीय जनगणना के बाद इन वर्गों को उनके अधिकार दिलाने के लिए क्या कदम उठाएगी।”

बीएसपी की नीतियों पर जोर

मायावती ने बीएसपी की नीतियों और उद्देश्यों पर जोर देते हुए कहा कि उनकी पार्टी हमेशा से सामाजिक न्याय की पक्षधर रही है और वह अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्गों के अधिकारों की लड़ाई में कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि बीएसपी का एकमात्र उद्देश्य इन वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा करना है और इसके लिए पार्टी हर संभव प्रयास करेगी।

राजनीतिक संघर्ष की नई दिशा

मायावती के इन बयानों से स्पष्ट है कि वह आगामी चुनावों में कांग्रेस और बीजेपी दोनों के खिलाफ जोरदार लड़ाई की तैयारी कर रही हैं। उनके बयानों से यह भी संकेत मिलता है कि बीएसपी का फोकस सामाजिक न्याय के मुद्दों पर रहेगा, और वह जातीय जनगणना और आरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी स्थिति को और मजबूत करने की कोशिश करेगी।

Mansi Negi

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