Medical Faculty Recruitment: उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों को मिली नई फैकल्टी, 54 प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर को मिली पहली तैनाती
उत्तराखंड में चिकित्सा शिक्षा को सशक्त करने के लिए 54 नई मेडिकल फैकल्टी सदस्यों की नियुक्ति की गई है। इन नियुक्तियों में 18 प्रोफेसर और 36 एसोसिएट प्रोफेसर शामिल हैं, जिन्हें विभिन्न राजकीय मेडिकल कॉलेजों में तैनात किया गया है। इससे मेडिकल शिक्षा, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है।
Medical Faculty Recruitment: उत्तराखंड के चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र को एक बड़ी सौगात मिली है। उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से चयनित 54 रेगुलर फैकल्टी को प्रदेश के विभिन्न राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पहली तैनाती दे दी गई है। इन नियुक्तियों में 18 प्रोफेसर और 36 एसोसिएट प्रोफेसर शामिल हैं, जिन्हें राज्य के छह प्रमुख मेडिकल कॉलेजों में भेजा गया है।
प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों को मिला नया शैक्षणिक बल
नई फैकल्टी को रुद्रपुर, हरिद्वार, श्रीनगर, देहरादून, अल्मोड़ा और हल्द्वानी स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेजों में नियुक्त किया गया है। इससे मेडिकल शिक्षा, प्रशिक्षण और शोध कार्यों को नई गति मिलने की उम्मीद है। सबसे अधिक सात प्रोफेसरों की नियुक्ति श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में की गई है। वहीं, दून मेडिकल कॉलेज देहरादून को चार, हरिद्वार मेडिकल कॉलेज को तीन, हल्द्वानी को दो तथा रुद्रपुर और अल्मोड़ा को एक-एक प्रोफेसर की तैनाती मिली है।
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एसोसिएट प्रोफेसरों की नियुक्ति से भी मिलेगी मजबूती
राज्य के मेडिकल कॉलेजों को एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कुल 36 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती मिली है। इसमें दून मेडिकल कॉलेज को सर्वाधिक 13 एसोसिएट प्रोफेसर मिले हैं। श्रीनगर को 9, हल्द्वानी को 7, जबकि रुद्रपुर और हरिद्वार को एक-एक एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति दी गई है। इस नई नियुक्ति से छात्रों को बेहतर मार्गदर्शन और गुणवत्ता युक्त मेडिकल शिक्षा मिल सकेगी।
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स्वास्थ्य मंत्री ने दी बधाई
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने इस अवसर पर कहा कि नियमित फैकल्टी की तैनाती से प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण और शोध गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा, बल्कि मरीजों को भी उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी। उन्होंने चयनित फैकल्टी को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
रिक्त पदों की पूर्ति के लिए तेजी से हुआ कार्य
गौरतलब है कि प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने लंबे समय से खाली पड़े प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती के लिए उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को अधियाचन भेजा था। इसके बाद चयन बोर्ड ने निर्धारित मानकों और प्रक्रिया के तहत विभिन्न संकायों में योग्य उम्मीदवारों का चयन किया। यह प्रक्रिया पारदर्शिता और गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए पूरी की गई।
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मेडिकल छात्रों और मरीजों को मिलेगा सीधा लाभ
राजकीय मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी लंबे समय से चिंता का विषय रही है। अब इन नियुक्तियों से न केवल कॉलेजों का शैक्षणिक वातावरण सुदृढ़ होगा, बल्कि प्रशिक्षु डॉक्टरों को अनुभवजन्य ज्ञान और मार्गदर्शन भी प्राप्त होगा। साथ ही, मेडिकल सेवाओं की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा।
उत्तराखंड सरकार की यह पहल राज्य में चिकित्सा शिक्षा को एक नई दिशा देगी। इन नियुक्तियों से न केवल कॉलेजों की कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय सुधार होगा। आने वाले समय में यदि इसी प्रकार से फैकल्टी की नियमित भर्ती होती रही, तो उत्तराखंड मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में शामिल हो सकता है।
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