नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संवेदनशीलता और भावुकता का दृश्य उस समय देखने को मिला, जब वे वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से गुजरात के एक सरकारी योजना के मुस्लिम लाभार्थी से बात कर रहे थे। उस व्यक्ति ने बताया कि सऊदी अरब में रहने के दौरान आंखों में दवाई डाली गयी थी, इसके कारण अब उसकी 95 फीसदी दृष्टि बाधित हो गयी।
उस लाभार्थी ने बताया कि उसकी तीनों बेटियों में दो को सरकार की तरफ से स्कॉलरशिप मिल रही है, जबकि सबसे छोटी बेटी की पढाई का खर्च कक्षा एक से आठ तक सरकार उठायेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने जब उसकी सबसे बड़ी 12 वर्षीया आलिया से बात की, तो उसने बताया कि वह डॉक्टर बनाना चाहती है। आलिया ने कहा कि उसने पिता की हालत देखकर ही डॉक्टर बनाने का फैसला लिया है। इतना कहते ही वह बहुत भावुक हो गयी थी और आगे कुछ नहीं बोल सकी थी।
12 वर्षीया आलिया की अपने दृष्टि बाधित पिता के प्रति संवेदना देखकर प्रधानमंत्री खुद भी भावुक हो गये और उनकी पलकों पर नमीं आने के साथ ही गला रुंध गया। कुछ समय के लिए मोदी निस्तब्ध हो गये। प्रधानमंत्री के चेहरे के भावों को पढ़कर कार्यक्रम में मौजूद सैंकड़ों लोगों ने ताली बजाने को मजबूर हो गये।
मोदी ने फिर अपनी भावुकता पर काबू पाकर इतना ही कहा कि बेटी अपने पिता के प्रति संवेदना ही तुम्हारी ताकत है। उन्होने आलिया के पिता से बेटी के डॉक्टर बनने के सपना पूरा कराने के लिए कहते हुए कहा कि इस कार्य में यदि कोई परेशानी आये तो उन्हें बताया जाए।