BlogSliderट्रेंडिंगधर्म-कर्मनजरियान्यूज़महाराष्ट्रराज्य-शहरहाल ही में

BHAGWAT AT HINDU SEWA MAHOTSAV: मोहन भागवत का बड़ा बयान: “हिंदू धर्म ही सनातन धर्म है, सेवा मानवता का धर्म”

BHAGWAT AT HINDU SEWA MAHOTSAV: RSS प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू सेवा महोत्सव के दौरान अपना एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है की "हिंदू ही सनातन धर्म है, और इसका पालन करना सभी को चाहिए"

BHAGWAT AT HINDU SEWA MAHOTSAV: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू सेवा महोत्सव के उद्घाटन पर एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि हिंदू धर्म ही सनातन धर्म है और इसका मूल सेवा धर्म में निहित है। उन्होंने इसे मानवता का धर्म बताते हुए सेवा कार्यों को निस्वार्थ भाव से अपनाने की अपील की। यह महोत्सव पुणे के शिक्षण प्रसारक मंडली के कॉलेज मैदान में आयोजित किया जा रहा है और 22 दिसंबर तक जारी रहेगा।

सेवा धर्म का सार और उसका महत्व

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि सेवा को पहचान या स्वार्थ के लिए नहीं, बल्कि समाज को कुछ लौटाने की शुद्ध भावना से किया जाना चाहिए। उन्होंने सेवा को सनातन धर्म का मूल बताते हुए कहा कि यह धर्म किसी धार्मिक या सामाजिक सीमा में बंधा नहीं है। भागवत ने जोर दिया कि सेवा कार्य करते समय विनम्रता और मध्यम मार्ग अपनाना चाहिए और इसे समय और स्थान की आवश्यकताओं के अनुसार ढालना चाहिए।


Political News: Find Today’s Latest News on PoliticsPolitical Breaking News, राजनीति समाचार, राजनीति की खबरे from India and around the World on News watch india.

उन्होंने आगे कहा, “जीविकोपार्जन आवश्यक है, लेकिन सेवा के माध्यम से समाज को कुछ वापस देना भी हमारा कर्तव्य है।” उन्होंने हिंदू सेवा महोत्सव जैसी पहलों की सराहना की, जो युवाओं को निस्वार्थ सेवा की प्रेरणा देती हैं और उन्हें इस मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।

Mohan Bhagwat’s big statement: “Hinduism is Sanatana Dharma, service is the religion of humanity”.

अन्य प्रमुख वक्ताओं के विचार

इस अवसर पर स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज ने सेवा, भूमि, समाज और परंपरा के बीच गहरे संबंध को रेखांकित किया। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज और राजमाता जीजाऊ के उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने निस्वार्थ सेवा का अनुसरण करते हुए समाज को नई दिशा दी। उन्होंने दान को दूसरों के साथ अपने आशीर्वाद को बांटने का माध्यम बताया और कहा कि इसके बदले में आभार की अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए।

इस्कॉन के नेता गौरांग प्रभु ने हिंदू सनातन धर्म के तीन स्तंभों—दान, नैतिकता और बोध—पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हिंदू, जैन, बौद्ध और सिख धर्म एक समान आध्यात्मिक आधार साझा करते हैं। इस पहल को सांस्कृतिक एकता और सेवा के मूल्यों को बढ़ावा देने का माध्यम बताया गया।

पढ़े ताजा अपडेटNewswatchindia.comHindi NewsToday Hindi News, Breaking

लाभेश मुनि जी महाराज ने कहा कि हिंदू सेवा महोत्सव केवल सेवा के कार्यों का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने और भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने का एक मंच है|


Follow Usहिंदी समाचारBreaking Hindi News Live  में सबसे पहले पढ़ें News watch indiaपर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट न्यूज वॉच इंडिया न्यूज़ लाइवपर पढ़ें बॉलीवुडलाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें  हमारा App डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। TwitterNEWSWATCHINDIA 24×7 Live TV

Mansi Negi

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button