नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच मंकीपॉक्स वायरस ने भी एंट्री मार दी है. एक-दो मामलों के साथ शुरू हुआ मंकीपॉक्स वायरस का प्रकोप अब विकराल रूप लेता जा रहा है. धीरे-धीरे बढ़ते हुए अब वैश्विक मंकीपॉक्स मामलों की संख्या 1000 को पार कर चुकी है.
अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने मंकीपॉक्स प्रकोप पर अपने चेतावनी स्तर को बढ़ाया है. अमेरिका में अब तक मंकीपॉक्स के 30 मामले सामने आ चुके हैं. सीडीसी ने कहा कि लोगों को मरीजों के साथ निकट संपर्क में आने से बचना चाहिए, जिनकी त्वचा पर चकत्ते हैं. लोगों को जीवित या मृत जंगली जानवरों, खासकर चूहे, गिलहरी, बंदर और वानरों से भी दूर रहने की सलाह दी गई है.
बीमार लोगों की इस्तेमाल की गई संक्रमित चीजों के संपर्क में आने से भी बचना चाहिए, जैसे कपड़े या चादर. लोगों को जंगली जानवरों का मीट न खाने की भी सलाह दी गई है. सीडीसी ने कहा, ‘अगर आप बीमार हैं और आपको मंकीपॉक्स हो सकता है तो डॉक्टर की परामर्श से पहले सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल न करें.’ सीडीसी ने सलाह दी है कि अगर आपको अपने शरीर पर अजीबो चकत्ते दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. अगर आपको मंकीपॉक्स से संक्रमित होने का संदेह है तो दूसरों के संपर्क में आने से बचें.
रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार (6 जून) तक 29 देशों में मंकीपॉक्स के 1019 स्पष्ट और संदिग्ध मामले सामने आ चुके हैं. अब तक सबसे ज्यादा मामले ब्रिटेन से सामने आए हैं जहां वायरस ने 302 लोगों को अपनी चपेट में लिया है. इसके अलावा स्पेन, पुर्तगाल, कनाडा और जर्मनी में भी यह फैल चुका है. अमेरिका में 30 लोग मंकीपॉक्स का शिकार बन चुके हैं.
मंकीपॉक्स संक्रमण में वृद्धि के बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक, टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने प्रभावित देशों से बुधवार को एक संबोधन में प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए सभी मामलों और संपर्कों की पहचान करने का आग्रह किया. मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) सहित दुनियाभर के बड़े स्वास्थ्य संगठनों ने चिंता जताई है. डब्ल्यूएचओ इस बीमारी को गंभीरता से ले रहा है और मंकीपॉक्स वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है.
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंकीपॉक्स के मामलों में वृद्धि के बाद स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है. सीएम योगी ने शीर्ष अधिकारियों को केंद्र के दिशा-निर्देशों के अनुसार मंकीपॉक्स के लक्षणों और उपचार के बारे में आम जनता को जागरूक करने का आदेश दिया है.
एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, उत्तर प्रदेश में अभी तक मंकीपॉक्स का एक भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन इसके खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने संबंधित विभाग से विदेश से लौटने वाले लोगों पर नजर रखने को कहा है.
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य अधिकारियों को रैशेज (जरूरी नहीं कि बीमारी) वाले लोगों की निगरानी करने का निर्देश दिया, खासकर वे जो हाल ही में विदेश से लौटे हैं, जहां मंकीपॉक्स के मरीज पाए गए हैं या वे मरीज के संपर्क में आए हैं, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘संदिग्ध लक्षणों वाले लोगों की खून की जांच करानी चाहिए.’
उत्तर प्रदेश में भले ही इस संक्रमण को लेकर अभी कोई भी मरीज नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग बीमारी से लड़ने के लिए पूरी तरह से अलर्ट है. जिसके तहत पीएचसी-सीएचसी के प्रभारियों को सतर्कता बरतते हुए मरीज मिलने पर तुरंत ही सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेज में 10 बेड का वार्ड बनाने के भी निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि मरीज मिलने पर तत्काल प्रभाव से भर्ती कर इलाज किया जा सके.