Nainital Tourism: पर्यटन नगरी नैनीताल पर छाया सन्नाटा, पर्यटन कारोबार पर संकट, 60 करोड़ का नुकसान
पहाड़ों की रानी कहे जाने वाली नैनीताल इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रही है। मई-जून के महीनों में जब यह शहर पर्यटकों से गुलजार रहता था, वहीं इस साल यह एकदम वीरान नजर आ रहा है। नैनीताल के पर्यटन कारोबारियों के अनुसार इस बार करीब 50 से 60 करोड़ रुपये तक का नुकसान हो चुका है।
Nainital Tourism: पहाड़ों की रानी कहे जाने वाली नैनीताल इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रही है। मई-जून के महीनों में जब यह शहर पर्यटकों से गुलजार रहता था, वहीं इस साल यह एकदम वीरान नजर आ रहा है। नैनीताल के पर्यटन कारोबारियों के अनुसार इस बार करीब 50 से 60 करोड़ रुपये तक का नुकसान हो चुका है।
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कश्मीर की घटना और भारत-पाक तनाव का असर
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव ने पूरे देश में भय और असमंजस का माहौल बना दिया। इसका सीधा असर नैनीताल जैसे शांतिप्रिय पर्यटन स्थलों पर पड़ा है। होटल एसोसिएशन नैनीताल के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट ने बताया कि कश्मीर हिंसा और सुरक्षा हालात को लेकर पर्यटकों ने उत्तर भारत की पहाड़ी यात्राएं रद्द करना शुरू कर दिया। नतीजा यह हुआ कि नैनीताल में जून महीने तक की लगभग 90% बुकिंग रद्द हो गई।
सड़कें सुनसान, होटल खाली
नैनीताल का पर्यटन उद्योग जो गर्मियों में अपने चरम पर होता है, इस बार उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। सामान्यतः अप्रैल से जून के बीच लाखों पर्यटक यहां पहुंचते हैं, जिससे होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी सेवाएं, दुकानदार और नाविक जैसे व्यवसायी आर्थिक रूप से लाभान्वित होते हैं। लेकिन इस बार अधिकांश होटल खाली पड़े हैं। होटल मालिकों का कहना है कि 10 में से 9 होटल में कोई मेहमान नहीं है। 95% बुकिंग रद्द हो चुकी है। मल्लीताल और तल्लीताल क्षेत्रों में दुकानों पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है।
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रोज़गार पर संकट, कर्मचारियों की नौकरी खतरे में
अलका होटल के मालिक वेद शाह, जो पिछले 25 वर्षों से होटल चला रहे हैं, बताते हैं कि ऐसा हाल उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। मई-जून में जब एक कमरे की भी उपलब्धता नहीं होती थी, अब पूरा होटल खाली पड़ा है। कर्मचारियों को वेतन देना भी मुश्किल हो गया है। टैक्सी चालकों, नाविकों, फोटोग्राफरों और खाने-पीने की दुकानों पर भी यही संकट छाया हुआ है। इन सबकी रोज़ी-रोटी पर्यटकों पर निर्भर है।
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सरकार से उम्मीदें, प्रचार की ज़रूरत
पर्यटन कारोबारियों का मानना है कि नैनीताल को दोबारा पर्यटन के नक्शे पर लाने के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाने चाहिए। डिजिटल प्रचार, सोशल मीडिया अभियान और यात्रा ब्लॉगर्स की मदद से नैनीताल की सकारात्मक छवि को फिर से उजागर किया जा सकता है। एक विशेष अभियान चलाकर पर्यटकों में सुरक्षा की भावना और विश्वास को बहाल करना अत्यंत आवश्यक है।
नैनीताल जैसे पर्यटन पर निर्भर शहर के लिए मौजूदा हालात चिंता का विषय हैं। अगर समय रहते सकारात्मक पहल नहीं की गई, तो यह संकट लंबे समय तक बना रह सकता है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को मिलकर इस खूबसूरत शहर को फिर से जीवंत करने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।
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