National Ayush Mission: राष्ट्रीय आयुष मिशन: पारंपरिक चिकित्सा से स्वास्थ्य सेवा के माध्यम से सशक्तिकरण की पहल
National Ayush Mission: राष्ट्रीय आयुष मिशन (NAM) ने आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया है। आयुष केंद्रों से सस्ती और सुरक्षित चिकित्सा उपलब्ध कराई जा रही है, साथ ही योग और प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से रोगों की रोकथाम पर जोर दिया गया है।
National Ayush Mission: नई दिल्ली: केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा है कि राष्ट्रीय आयुष मिशन (NAM) ने पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। आयुष मंत्रालय द्वारा संचालित यह मिशन न केवल स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में क्रांति ला रहा है बल्कि स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
पारंपरिक चिकित्सा की सर्वसुलभता
राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को व्यापक रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है। इन पद्धतियों को अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित किए गए हैं।
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राज्य मंत्री ने कहा, “एनएएम का उद्देश्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना है। यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि देश की प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों को भी पुनर्जीवित कर रही है।”
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा का विस्तार
राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं सीमित थीं, लेकिन आयुष केंद्रों की स्थापना ने वहां की स्थिति को बेहतर बनाया है। अब लोग अपनी सामान्य और पुरानी बीमारियों के लिए आयुष चिकित्सा पद्धति का लाभ उठा सकते हैं।
पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियां इन क्षेत्रों में बेहद लोकप्रिय हो रही हैं क्योंकि ये सुरक्षित, किफायती और सुलभ हैं। कई क्षेत्रों में योग और प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से बीमारियों को रोकने और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य जागरूकता और शिक्षा
राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत केवल चिकित्सा सेवाएं ही नहीं दी जा रही हैं, बल्कि स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने और लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने पर भी जोर दिया जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आयुर्वेदिक औषधियां और योग जैसी विधियां न केवल शरीर को स्वस्थ रखती हैं, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करती हैं। इसके साथ ही, सामुदायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के लाभों के बारे में जानकारी दी जा रही है।
स्वास्थ्य और रोजगार का संगम
एनएएम ने न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया है, बल्कि रोजगार के अवसर भी प्रदान किए हैं। आयुष केंद्रों पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आयुष चिकित्सकों और सहायक कर्मचारियों की नियुक्ति से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए रास्ते खुले हैं। इसके साथ ही, पारंपरिक औषधियों के उत्पादन और वितरण में भी कई लोगों को रोजगार मिला है।
मिशन की उपलब्धियां
राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत अब तक हजारों आयुष केंद्र खोले जा चुके हैं, और लाखों लोग इनसे लाभान्वित हुए हैं। कोरोना महामारी के दौरान भी आयुष पद्धतियों ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद की, जिससे इनकी लोकप्रियता और विश्वसनीयता में वृद्धि हुई।
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