झारखंड के चतरा के जंगलों में सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों में हुई मुठभेड़ में पांच नक्सलियों के मारे जानेंकी खबर आ रही है खबर के मुताबिक जिन पांच मृत नक्सलियों के शव बरामद किए है हैं इनमे दो टॉप कमांडर के भी शव हैं । इन पर 25 लाख के इमाम रखे गए थे । इसके साथ ही पांच लाख के ईनामी दो नक्सली भी मारे गए हैं । जिन दो नक्सलियों पर 25 लाख के इनाम रखे गए थे उनके नाम गौतम पासवान और अजीत उर्फ चार्लीज बताए जा रहे हैं ।खबर है कि मारे गए एक और नक्सली को तलाश काफी दिनो से बिहार पुलिस को थी । वह भी इनामी नक्सली था । खबर ये भी है इस मुठभेड़ में 6 अन्य नकली गंभीर रूप से घायल भी हुए है ।बता दें की यह मुठभेड़ उस समय हुई जब सीआरपीएफ कोबरा यूनिट पुलिस के साथ मिलकर सच अभियान चला रही थी ।
सर्च अभियान अभी जंगल में कुछ ही भीतर गई थी कि नक्सलियों ने हमला कर दिया ।जंगलों में छिपे नक्सली गोलियां बरसाने लगे ।फिर सुरक्षा कर्मियों में मोर्चा संभाला और लंबे समय तक मुठभेड़ होती रही । कहा जा रहा है कि हजारों राउंड गोलियां चली ।मौके पर जी पांच नकली मारे गए ।जानकारी यह भी मिल रही है कि कुछ और नक्सलियों की मौत हुई है लेकिन उनके शव अभी बरामद नही हुए हैं ।
मुठभेड़ के बाद चलाए गए सर्च अभियान में काफी हथियार मिलने की खबर आ रही है । बड़ी मात्रा में गोलियां और छोटे हथियार के साथ ही एके 47 जैसे घातक आधुनिक हथियार भी बरामद हुए हैं । इस अभियान का सबसे अहम पहलू यह है कि सुरक्षा कर्मियों ने जिन नक्सलियों को खत्म किया है इनकी खोज लंबे समय से को जा रही थी ।सरकार और आम लोगो के लिए ये नक्सली घातक बने हुए थे ।
एसपी राकेश रंजन ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि पांच नक्सली मारे गए हैं और अभियान जारी है। पुलिस का कहना है कि मारे गए नक्सलियों की संख्या पांच से भी ज्यादा हो सकती है। पूरे इलाके की तलाशी के बाद पूरी जानाकरी सामने आ पाएगी।
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जानकारी के मुताबिक सुरक्षा कर्मी चतरा पलामू से सटे लावालौंग थाना क्षेत्र के जंगल में सर्च ऑपरेशन चला रही थी ।इसी दौरान घात लगाए नक्सलियों ने हमला कर दिया ।बाद में नक्सली भागने में सफल हो गए । सर्च अभियान अभी भी जारी है ।बड़ी संख्या में और भी सुरक्षा कर्मी वहां पहुंच जाए हैं ।
बता दें कि पिछले कुछ सालों में नक्सली गतिविधियों में कमी तो आइए है लेकिन नक्सलियों का सफाया नही जो पाया है ।अभी भी बंगाल ,ओडिशा ,छत्तीसगढ़ और आंध्र के सीमाई इलाकों में इनकी पहुंच है ।बड़ी संख्या में आज भी नक्सली मौजूद है ।
छत्तीसगढ़ में यह सबसे ज्यादा एक्टिव है और इनके आय का श्रोत जारी है ।सरकार की कोशिश है कि इनके आय के श्रोत को खत्म किया जाए लेकिन अभी तक संभव नहीं हो पाया है ।